इंडिया न्यूज, श्रीनगर, (Ghulam Nabi Azad): आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद को धमकी दी है। आजाद के लिए इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्टर जारी कर इस संगठन ने दावा किया है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की राजनीति में गुलाम नबी आजाद की एंट्री सोची समझी रणनीति है। गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद हाल ही में जम्मू-कश्मीर में राजनीति की नई शुरुआत की है।
अमित शाह व डोभाल के साथ बंद कमरे में की थी मीटिंग
टीआरएफ ने पोस्टर में कहा है कि आजाद ने कांग्रेस में रहकर ही इस पार्टी को छोड़कर जम्मू-कश्मीर की राजनीति में शामिल होने का निर्णय ले लिया था। आतंकियों ने धमकी भरे पोस्टर में यह भी कहा है कि कांग्रेस से जुदा होने से पहले आजाद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बंद कमरे में मीटिंग भी की थी। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की थी।
विस्थापित कश्मीरी पंडितों का इस्तेमाल कर रही बीजेपी
आतंकियों ने दावा किया है कि बीजेपी विस्थापित कश्मीरी पंडितों का अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली पर कुछ विदेशी संस्थाएं कश्मीर में हालात सामान्य दिखाने का दबाव बनाने में जुटी हैं। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाना सब कुछ ठीक है, का अच्छा विकल्प है। इसी के लिए आजाद को प्लान-बी के तहत जेएंडके भेजा गया है।
राहुल भट्ट भी डोभाल के संपर्क में था, इसलिए खत्म किया
टीआरएफ ने यह भी दावा किया है कि टारगेट किलिंग में मारा गया कश्मीरी हिंदू राहुल भट्ट डोभाल के सीधे संपर्क में था। आतंकियों ने कहा है कि हमारी इंटेलिजेंस विंग ने इस बात की पुष्टि करके राहुल भट्ट को खत्म किया था। उन्होंने यह धमकी भी दी है कि भट्ट जैसे कई लोग हैं, जो जम्मू-कश्मीर में रहकर केंद्र सरकार के लिए काम कर रहे हैं और हम जल्द उन्हें भी ढूंढ निकालेंगे।
जम्मू-कश्मीर में जमीनी हकीकत जानने में जुटे आजाद
धमकी के बाद आजाद की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बता दें कि आजाद इन दिनों कश्मीर दौरे पर हैं और कांग्रेस छोड़ने के बाद वह कश्मीर के विभिन्न जिलों में प्रतिनिधिमंडलों से मिलकर उनसे जमीनी हकीकत जानने का प्रयास कर रहे हैं ताकि वे अपनी नई पार्टी की घोषणा के साथ मुख्य मुद्दों को भी लोगों के सामने रख सकें। आजाद ने करीब पांच दशक तक कांग्रेस के साथ रहने के बाद पार्टी को अलविदा कहते हुए कहा था कि उनकी नई पार्टी सिर्फ जम्मू-कश्मीर पर फोकस करेगी।
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