India News (इंडिया न्यूज़), Gift Purchase Scam: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरसी) के पूर्व अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक अमिताभ बनर्जी के खिलाफ FIR दर्ज की है। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि, उन्होंने सोने के सिक्कों जैसे उपहारों का वितरण अत्यधिक कीमतों पर खरीदना है। इसकी जानकारी अधिकारियों ने सोमवर को दी है।

पद के दुरुपयोग के लिए उन्हें बर्खास्त किया गया था

उनके द्वारा बताया गया कि, मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के रूप में पदोन्नत होने से पहले बनर्जी 2019 में पीएसयू के प्रबंध निदेशक बने हुए थे। वहीं पिछले साल वह कथित वित्तीय कदाचार और पद के दुरुपयोग के लिए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।

बता दें कि, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मंजूरी के बाद इसकी जांच सीबीआई को सौपी गई थी। अधिकारियों द्वारा गया कि, जांच शुरू हुई तो रेलवे सतर्कता को भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरएफसी) द्वारा अपने धन का इस्तेमाल करके सोने के सिक्कों और गैर सोने की वस्तुओं की खरीद और वितरण में कथित अनियमितताओं की जानकारी मिली।

गैर-सोने की वितरण के बाद शुरू की गई जांच

जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि, जांच तब शुरू की गई, जब रेलवे सतर्कता (विजिलेंस) को भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरएफसी) द्वारा अपने धन का उपयोग करके सोने के सिक्कों और गैर-सोने की वस्तुओं की खरीद और वितरण में कथित अनियमितताओं के बारे में पता चला।

विवरण में शामिल लोगों के बयान दर्ज किए गये

आगे वह बताते हैं कि, इसने दो फाइलों की जांच की और सोने के सिक्कों व अन्य उपहारों की खरीद व विवरण में शामिल लोगों के बयान भी दर्ज किए। अधिकारियों ने आगे कहा कि, तमाम प्रयासों के बावजूद तत्कालीन सीएमडी अमिताभ बनर्जी के नेतृत्व में आईआरएफसी के अधिकारियों ने इन सोने और गैर-सोने के उपहारों के लाभार्थियों की सूची नही दी। आईआरएफसी के अधिकारियों ने ऐसी महंगी वस्तुओं की खरीद और वितरण के लिए कोई एसओपी या निर्धारित प्रक्रिया प्रदान नहीं की है।

सतर्कता विभाग ने केवल दो फाइलों की जांच

आईआरएफसी ने इसको लेकर कहा, कथित घोटाले की गंभीरता का पता नहीं चला है क्योंकि, सतर्कता विभाग ने केवल दो फाइलों की जांच की है और इस तरह की और ज्यादा खरीद की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। आगे बयान में कहा गया कि, ‘जांच के दौरान बनर्जी ने कहा कि, ऐसी कोई सूची नहीं रखी जाती है और कोई भी पदक कार्यकारी निदेशकों को वितरित नहीं किया गया है।’ हालांकि यह आईआरएफसी के अन्य अधिकारियों के बयान के विपरीत है। जिन्होंने कहा था कि, आईआरएफसी के दो स्वतंत्र निदेशकों को कुछ चीजें दी गई थीं।

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