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Google MusicLM: टेक्स्ट को पढ़कर गाने बनाएगा गूगल का ये नया एआई टूल, 2 लाख 80 हजार घंटो के संगीत से MusicLM को किया गया है प्रशिक्षित

टेक न्यूज़ (Tech giant Google has invented a new technology MusicLM using AI) : MusicLM को टेक्स्ट और मेलोडी दोनों पर अनुकूलित किया जा सकता है, क्योंकि यह टेक्स्ट कैप्शन में वर्णित शैली के अनुसार सीटी और गुनगुनाने वाली धुनों को रूपांतरित कर सकता है।

टेक्स्ट को देखकर गाने बनाएगा गूगल का ये नया टूल

टेक्नोलॉजी आज कल हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल रोजमर्रा के जिंदगी में जैसे ऑनलाइन खरीदारी और विज्ञापन, वेब सर्च, डिजिटल निजी सहायक, मशीनी अनुवाद, स्मार्ट घर, शहर और बुनियादी ढांचा, कार, साइबर सुरक्षा, इत्यादि जैसे अन्य क्षेत्रों में भी एआई का इस्तेमाल, काम को आसान बनाने के लिए किया जा रहा है। टेक जाइंट गूगल ने एआई का इस्तेमाल कर एक नई टेक्नोलॉजी म्यूजिक एलएम (MusicLM) का इजात किया है। यह एक टेक्स्ट-टू-म्यूजिक जेनरेशन सिस्टम है जो टेक्स्ट का विश्लेषण करके और रचना के पैमाने और जटिलता को समझने का काम करता है।

गूगल रिसर्च के अनुसार जैसे विकृत गिटार रिफ़ द्वारा समर्थित एक शांत वायलिन मेलोडी उत्पन्न करता है वैसे ही MusicLM  टेक्स्ट विवरण से उच्च-निष्ठा संगीत बनाता है। “MusicLM को टेक्स्ट और मेलोडी दोनों पर अनुकूलित किया जा सकता है, क्योंकि यह टेक्स्ट कैप्शन में वर्णित शैली के अनुसार सीटी और गुनगुनाने वाली धुनों को रूपांतरित कर सकता है।”

2 लाख 80 हजार गानों पर किया गया है प्रशिक्षित

गूगल रिसर्च के अनुसार, MusicLM को 280,000 घंटे के संगीत के डेटासेट पर प्रशिक्षित किया गया है ताकि टेक्स्ट विवरण से सुसंगत गीत उत्पन्न करना और मूड, माधुर्य और वाद्य यंत्रों की बारीकियों को पकड़ना सीखा जा सके। इसकी क्षमताएं गानों की छोटी क्लिप बनाने से भी आगे बढ़ जाती हैं।

आपको बता दें कि गूगल  ऐसा करने वाली पहली कंपनी नहीं है। टेक क्रंच के अनुसार, OpenAI के Jukebox या Riffusion जैसी परियोजनाओं ने भी ऐसा करने की कोशिश कर कि है लेकिन तकनीकी सीमाओं और सीमित प्रशिक्षण डेटा के कारण, कोई भी उच्च-निष्ठा की रचना में विशेष रूप से जटिल गीतों का निर्माण करने में सक्षम नहीं हुआ है। इसलिए, शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि MusicLM शायद ऐसा पहला है जो कर सकता है।

गूगल के शोधकर्ताओं ने MusicLM जैसी प्रणाली द्वारा उत्पन्न कई नैतिक चुनौतियों पर भी ध्यान दिया है, जिसमें प्रशिक्षण डेटा से उत्पन्न गीतों में कॉपीराइट सामग्री को शामिल करने की प्रवृत्ति शामिल है। यह सीमा स्पष्ट रूप से गूगल शोधकर्ताओं को नवीनतम एआई सिस्टम को उसकी वर्तमान स्थिति में जारी करने के लिए पर्याप्त है।

Gaurav Kumar

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