Government employees strike in Maharashtra: महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर करीब 17 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। हड़ताल में राज्य को और भी कई कर्मचारी संगठन शामिल हो रहे हैं। बता दें कि सरकार की ओर से पुरानी पेंशन योजना बंद कर उसकी जगह NPS पेंशन लागू की गई थी। इसे लेकर अब ये कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं। हालांकि, सरकार की ओर से ये भी साफ किया गया है कि हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बजट पेश करने से पहले की मांग

सरकारी कर्मचारियों की मानें तो ये मांग राज्य में बजट पेश करने से पहले से की जा रही है। जिसे सरकार की ओर से बजट में भी नजरअंदाज किया गया है। साथ ही नई योजना का शुरुआत से ही कर्मचारी संगठन विरोध कर रहे हैं। वहीं पुरानी पेंशन योजनाक को साल 2005 में बंद किया गया था। जिसे अब दोबारा शुरू करने की मांग की जा रही है।

यूनियन नेताओं की मांग, पुरानी पेंशन मिले

तो वहीं अगर यूनियन नेताओं की बात करें तो उनका साफतौर पर कहना है कि 2005 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों की संख्या लगभग 40 फीसदी है। इन सभी को पुरानी पेंशन मिलना चाहिए। पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं करने से कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। हड़ताल की वजह से सरकारी, अर्ध सरकारी, शिक्षक, गैर शिक्षक कर्मचारी, नगर निगम, नगर पंचायत, नगर परिषद जैसे कई सरकारी विभाग के कर्मी हड़ताल पर रहेंगे।

हड़ताल को लेकर सरकार का रुख

वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकारी कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सराकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक ‘ये हड़ताल महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) के नियम 6 के प्रावधानों के अनुसार गैरकानूनी है। इसीलिए हड़ताल में हिस्सा लेने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। राज्य के सभी सरकारी कर्मचारी इसका ध्यान रखते हुए कि जनता को कोई तकलीफ न हो, अपना आंदोलन पीछे लें और अपनी मांगों को सही तरह से सरकार के सामने रखें।’