बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (The decision was taken at the Cabinet Committee on Economic Affairs meeting): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कल हई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने 2023-24 सीजन के लिए कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य 300 रुपए बढ़ाकर 5,050 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले से 40 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।
- नए वित्त वर्ष से 5050 रुपए क्विंटल बिकेगा कच्चा जूट
- 40 लाख किसानों को होगा लाभ
- भारत सबसे बड़ा उत्पादक
नए वित्त वर्ष से 5050 रुपए क्विंटल बिकेगा कच्चा जूट
1 अप्रैल 2023 से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष से कच्चे जूट के किसानों को अब 300 रुपए का मुनाफा होगा। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार ने कच्चे जूट (टीडी-3, पहले के टीडी-5 ग्रेड के बराबर) का एमएसपी 5050 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया से कहा, “यह मंजूरी कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर आधारित है।” ठाकुर ने कहा कि इस फैसले से उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत पर 63.2 फीसदी का रिटर्न सुनिश्चित होगा।
40 लाख किसानों को होगा लाभ
भारत में लगभग 40 लाख किसान परिवार जूट क्षेत्र से जुडे़ हैं, सरकार के इस फैसले से इन किसानों को बढ़ती महंगाई में आर्थिक सहायता मिलेगी। इस निर्णय से बिहार, ओडिशा, असम, त्रिपुरा, मेघालय, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में जूट क्षेत्र को भी सहायता मिलेगी।
भारत सबसे बड़ा उत्पादक
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा जूट उत्पादक देश भारत है। भारत के बाद इसके पड़ोसी देश बांग्लादेश और चीन है। व्यापार के लिहाज से देखें तो बांग्लादेश भारत के 7% की तुलना में ग्लोबल जूट निर्यात के 3/4 भाग का प्रतिनिधित्व करता है। आपको बता दें कि भारत 97 से अधिक देशों में जूट और उससे बने उत्पादों का निर्यात करता है। आने वाले समय में जूट की मांग और बढ़ने वाली है क्योंकि दुनिया इस वक्त प्लास्टिक बैग का विकल्प खोज रही है ऐसे में जूट एक बढ़या विकल्प बनकर उभरा है।
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