Cabinet Approval: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 19,744 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में एक प्रमुख निर्यातक बनना और भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है।
इस मिशन से, दुनिया के सबसे बड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जकों में से एक भारत को 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने में मदद करेगा। मिशन के लिए प्रारंभिक परिव्यय 19,744 करोड़ रुपये रखा गया है। इसमें से सरकार ने साइट कार्यक्रम के लिए 17,490 करोड़ रुपये, आगामी पायलट परियोजनाओं के लिए 1,466 करोड़ रुपये, अनुसंधान एवं विकास के लिए 400 करोड़ रुपये और अन्य मिशन घटकों के लिए 388 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
एमएनआरई या नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय इसके कार्यान्वयन के लिए योजना दिशानिर्देश तैयार करेगा।राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन देश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के निर्माण की दिशा में सरकारी प्रयासों में एक लंबा रास्ता तय करेगा। मिशन से देश में लगभग 125 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त जीवाश्म ईंधन के आयात पर हमारी निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी और मिशन के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य ईंधन आयात को ₹1 लाख करोड़ से अधिक कम करना है।
सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रति वर्ष कम से कम 5 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) की हरित हाइड्रोजन क्षमता विकसित करना है। केंद्र सरकार को भी इस क्षेत्र में 6 लाख से अधिक नौकरियों के सृजन की उम्मीद है।
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