जबरन धर्मांतरण मामले के खिलाफ गुजरात सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, धर्मांतरण पर कड़े कानून बनाने की मांग का भी किया समर्थन

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) :  जबरन या लालच देकर धर्मांतरण कराने के मामले में गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट मेहलफनामा दाखिल किया है। साथ ही राज्य की सरकार ने धर्मांतरण पर कड़े कानून बनाने की मांग का समर्थन भी किया है।
दायर हलफनामे मे राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार में लोगों को बलपूर्वक या लालच देकर धर्म परिवर्तित करने का मौलिक अधिकार शामिल नहीं है। इसलिए उसने राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए कानून पारित किया है।

धर्म की स्वतंत्रता पर धर्मांतरण की नहीं

जानकारी दें, गुजरात सरकार ने कहा है कि धार्मिक स्वतंत्रता हर नागरिक का अधिकार है। धोखे, लालच या दबाव से कम शिक्षित और गरीब लोगों का धर्म परिवर्तन करवाना इस अधिकार का हनन है। धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार में अन्य लोगों को किसी विशेष धर्म में परिवर्तित करने का मौलिक अधिकार शामिल नहीं है।
गुजरात सरकार ने ये भी.कहा है कि जबरन धर्म परिवर्तन देश के लिए ना केवल एक बडा खतरा है बल्कि आम नागरिक के धार्मिक भरोसे और उसके धर्म का उल्लंघन है। मौलिक अधिकार के तहत किसी व्यक्ति को धोखाधड़ी, धोखे, जबरदस्ती, प्रलोभन या ऐसे अन्य माध्यमों से परिवर्तित करने का अधिकार शामिल नहीं है।

ओवैसी ने गुजरात सरकार पर साधा निशाना

Ashish kumar Rai

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