इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 कई मायनों में अलग रहा है। हाल के वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कॉन्ग्रेस के अलावा किसी तीसरी पार्टी ने प्रभावी भूमिका निभाई है। गुजरात में इस साल बीजेपी, कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सत्ता संघर्ष था। वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी गुजरात के 14 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए।
ज्ञात हो, AIMIM ने गुजरात की उन 14 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जहाँ मुस्लिम वोटरों की संख्या अधिक है। आपको बता दें, इनमें से ज्यादातर कॉन्ग्रेस की परंपरागत सीट रही है। इन सभी 12 सीटों पर aimim को करानी हार मिली है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिले है। ज्ञात हो, नोटा का वोट शेयर इन चुनावों में जहाँ 1.6% दिखाई दे रहा है। वही AIMIM का केवल 0.29% है। पार्टी एक भी सीट पर जीत हासिल करने में विफल रही है।
ओवैसी की रैली में गो बैक के नारे लगे थे
ज्ञात हो, गुजरात चुनाव में ओवैसी को उम्मीद थी कि गुजरात के मुसलमान उनका तहे दिल से स्वागत करेंगे। ओवैसी ने अपने उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए कई बार गुजरात का दौरा किया और कई सभाएँ कीं। ओवैसी की सभाओं में लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही थी। एक तरफ ओवैसी की सभाओं में भीड़ नजर आ रही थी तो दूसरी तरफ कई जगहों पर उनका भारी विरोध भी देखने को मिला।
गुजरात विधानसभा चुनाव में AIMIM के उम्मीदवार
जानकारी दें, गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के अलावा एक और बड़ी पार्टी किस्मत आजमा रही थी। एआईएमआईएम ने 14 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।
1 – मांडवी – मुहम्मद इकबाल मंजालिया
2 -भुज – शकील समा
3 -वडगाम (SC) – कल्पेश सुंधिया
4 – सिद्धपुर – अब्बासभाई नोडसोला
5 – वेजलपुर – ज़ैन बीबी शेख
6- बापूनगर – शाहनवाज पठान
7 – दरियापुर – हसन खान पठान
8 – जमालपुर-खड़िया – साबिर कबलीवाला
9 – दानिलिम्दा (एससी) – कौशिका परमार
10 – खंभालिया – याकूब बुखारी
11 – मांगरोल – सुलेमान पटेल
12 – गोधरा – मुफ्ती हसन कछबा
13 – सूरत पूर्व – वसीम कुरैशी
14 – लिम्बायत – अब्दुल बसीर शेख
ओवैसी की पार्टी को गुजरात में लगे भूकंप के झटके
जब चुनाव के लिए पर्चा दाखिल किया ही जा रहा था कि एआईएमआईएम को झटका लगा। दरअसल, बापूनगर सीट से एआईएमआईएम प्रत्याशी शाहनवाज पठान ने पर्चा वापस लेने के आखिरी दिन अपना पर्चा वापस लेकर कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए। AIMIM ने लगभग सभी मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इन सीटों पर ज्यादातर कॉन्ग्रेस के विधायक थे। एआईएमआईएम ने जिन प्रमुख सीटों पर चुनाव लड़ा उनमें जमालपुर-खड़िया, दानिलिमदा, दरियापुर और वडगाम शामिल हैं।
मुस्लिम वोट कटने के डर से कॉन्ग्रेस ने यह बात फैलानी शुरू कर दी कि एआईएमआईएम बीजेपी की बी टीम है और ओवैसी आरएसएस का एजेंट है। वे इस बात को फैलाने में काफी हद तक सफल भी रहे। आपको याद ही होगा, दूसरे चरण के वोटिंग से पहले अहमदाबाद में जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा था कि मुसलमानों को अपने वोटों में बँटवारा नहीं होने देना चाहिए। उन्होंने मुस्लिमों से एआईएमआईएम के बजाय कॉन्ग्रेस को वोट देने की अपील की थी।
इसके अलावा चुनाव प्रचार के दौरान पूरे गुजरात में कई जगहों पर ओवैसी को काले झंडे दिखाकर और ‘ ओवैसी गो बैक’ के नारे लगाकर विरोध जताया गया। जिसमें सूरत और अहमदाबाद शामिल हैं।
गुजरात चुनाव में वोट के लिए रो पड़े थे ओवैसी
आपको जानकारी दें, पहले चरण के मतदान के बाद जब ओवैसी दूसरे चरण की सीटों के लिए प्रचार कर रहे थे तो भावुक हो गए थे। 2 दिसंबर को जमालपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए वह फूट-फूट कर रो पड़े।
इस दौरान अपनी पार्टी के उम्मीदवार साबिर काबलीवाला के लिए वोट माँगते हुए असदुद्दीन ओवैसी अचानक रो पड़े। रोते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने दुआ के साथ-साथ लोगों से अपील की कि वे साबिर को जिताएँ, ताकि यहाँ दोबारा किसी बिलकिस के साथ अन्याय न हो। रैली में रोते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने दुआ की कि अल्लाह साबिर को जीत दिला दे।