इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश जारकीहोली ने आखिरकार हिन्दू शब्द को लेकर अपने विवादित बयान पर माफी मांग ली है। दो दिन पहले जर्कीहोली ने हिंदू शब्द को फारसी उत्पत्ति का बताया था और कहा था कि इसका मतलब इतना गंदा है कि उसे जानकर लोगों को शर्म आ जाएगी।
आपको बता दें, एक दिन पूर्व उन्होंने अपने बयान पर माफी मांगने से इनकार करते हुए लोगों को चुनौती दी थी कि अगर उन्हें गलत साबित कर दिया तो वे विधायकी से इस्तीफा दे देंगे। लेकिन एक ही दिन बाद उन्होंने खुद माफी मांग ली है। उन्होंने कर्नाटक CM बासवराज बोम्मई को पत्र लिखकर अपना बयान वापस ले लिया है।
ज्ञात हो, कर्नाटक सरकार में मंत्री रह चुके जारकीहोली ने रविवार को बेलागावी जिले के एक कार्यक्रम में विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘हिंदू शब्द कहां से आ गया? यह हमारा है क्या? यह तो पर्शियन (फारस) का है। ईरान, इराक, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान का है। फिर हिंदू शब्द आपका कैसे हो गया? इस पर विस्तार से चर्चा की जानी चाहिए। अभी वॉट्सऐप और विकिपीडिया पर देखो। आपका नहीं है यह शब्द। फिर आपने उसे इतना सिर पर क्यों चढ़ा रखा है।’
जानकारी हो, जारकीहोली के इस बयान का समर्थन उनकी ही पार्टी ने नहीं किया है। कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जारकीहोली का बयान दुर्भाग्यपूर्ण और खारिज किए जाने लायक है। हम भी इसकी निंदा करते हैं। हिंदुत्व एक जीने का अंदाज है और एक सभ्यता है। कांग्रेस हर धर्म का सम्मान करती है।
वहीं, BJP ने इस बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और इसे वोट बैंक का उद्योग करार दिया। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, ‘शिवराज पाटिल के बाद अब कर्नाटक कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश जारकीहोली ने हिंदुओं को भड़काते हुए उनका अपमान किया है।
आपको बता दें, मंगलवार को एक वीडियो स्टेटमेंट जारी करके सतीश जारकीहोली ने अपने बयान को सही ठहराया। उन्होंने कहा- ‘मैंने जो कहा उसमें कुछ भी गलत नहीं है। ऐसे हजारों रिकॉर्ड मौजूद हैं जिसमें लिखा है कि ये फारसी शब्द (हिंदू) कैसे बना। स्वामी दयानंद सरस्वती की किताब सत्यार्थ प्रकाश, डॉ जीएस पाटिल की किताब बसव भारत और बाल गंगाधर तिलक के केसरी अखबार में भी इसका जिक्र मिलता है। ये तो सिर्फ कुछ उदाहरण हैं, ऐसे कई आर्टिकल विकीपीडिया या दूसरी वेबसाइट्स पर मौजूद हैं। आपको उन्हें पढ़ना चाहिए।’मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर कोई उन्हें गलत साबित कर देता है तो वे न सिर्फ अपने इस बयान के लिए माफी मांगेंगे, बल्कि अपने विधायक पद से भी इस्तीफा दे देंगे।
दो दिन तक अपने बयान पर अड़े रहने के बाद सतीश जारकीहोली ने बुधवार को माफी मांग ली। राज्य के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई को एक पत्र लिखकर उन्होंने अपना बयान वापस लिया। उन्होंने कहा कि उनके दिए गए बयानों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि मैंने सिर्फ इस मुद्दे पर चर्चा किए जाने की बात कही थी। मैंने विकीपीडिया, डिक्शनरी और इतिहासकारों की लिखी बातों के आधार पर सवाल उठाए थे, लेकिन कुछ लोग मुझे हिंदू विरोधी दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए मैं अपने बयान वापस लेता हूं। मुझे इस बात का अफसोस है कि मेरे बयानों से जनता के मन में उलझन पैदा हुई।
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