इंडिया न्यूज़ (दिल्ली,World Hemophilia Day): ‘वर्ल्ड हीमोफिलिया डे’ हर साल 17 अप्रैल को पूरी दुनिया मनाती है। इसका मकसद है लोगों को इस बीमारी के बारे में बताना और इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को और अधिक बढ़ावा देना। आपको बता दें हर साल इस दिन को एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल वर्ल्ड हीमोफिलिया डे की थीम “एक्सेस फॉर ऑल: प्रीवेंशन ऑफ ब्लीड्स एज द ग्लोबल स्टैंडर्ड ऑफ केयर” रखी गई है।

जानकारी के लिए आपको बता दें हीमोफिलिया ब्लड से जुड़ी एक बीमारी है। इससे सामान्य अवस्था में ब्लड में मौजूद एक खास तरह का प्रोटीन कटने चोट लगने पर तुरंत एक्टिव हो जाता है। जिसमें खून के थक्के जमने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और खून निकलना थोड़ी देर में रुक जाता है। बता दे किसी जेनेटिक कारण से किसी व्यक्ति के शरीर में इस तत्व की कमी हो जाती है तो उसी अवस्था को हीमोफीलिया कहा जाता है। ऐसे में खून के बहाव को रोकना काफी मुश्किल हो जाता है।

जानिए कितने प्रकार की होती ये बीमारी

आपको बता दे हीमोफिलिया ए और बी, गंभीर आनुवांशिक रक्तस्रावी रोग के सबसे आम प्रकार हैं। दरअसल ये दोनों फैक्टर VIII और फैक्टर IX प्रोटीन की कमी के कारण होते हैं। इसके मरीजों को लंबे समय तक रक्तस्राव झेलना पड़ता है। भले ही घाव हो या नहीं। यह सब फैक्टर गतिविधि के आधार पर तय होता है। इस बीमारी में सबसे ज्यादा फोकस रक्तस्राव से बचना और उसका उपचार करना होना चाहिए।

अपनी डाईट में शामिल करें ये फूड

आयरन से भरपूर भोजन हीमोफिलिया के मरीजों के लिए लाभदायक है। बता दे आयरन लाल रक्त कोशिकाओं और इसके प्रोटीन, हीमोग्लोबिन के उत्पादन में सहायता करता है।

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