इंडिया न्यूज़: (H3N2 Influenza Virus) देशभर में एक बार फिर कोरोनावायरस (Covid-19) का खतरा बढ़ रहा है। इसके साथ में इन्फ्लुएंजा वायरस (Influenza H3N2) ‘H3N2 वायरस’ भी है। बता दें कि झारखंड के रांची में 4 साल के बच्चे में एच3एन2 वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में आया है कि इस बच्चे में खांसी, सर्दी, बुखार और निमोनिया के लक्षण दिखाई दिए। डॉक्टर ने मीडिया को बताया, उसके नमूने जांच के लिए भेजे गए थे, जहां ये पुष्टि हुई कि उसे वायरल संक्रमण था।
देश में अब तक 9 लोगो की मौत
देश में एच3एन2 के मामले तेजी से फैल रहे हैं। H3N2 वायरस ने अब तक देश में 9 लोगों की जान ले ली है। वायरल संक्रमण का असर युवा और बुजुर्ग लोगों में समान रूप से देखा जा रहा है। वायरल संक्रमण एक संक्रमित व्यक्ति द्वारा छोड़ी गई सांस की हवा की बूंदों से फैलता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायरल संक्रमण उन लोगों पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
इन लोगो को वायरस का ज्यादा खतरा
हर कोई वायरस के लिए कमजोर है, ऐसे लोग हैं जो मौसमी फ्लू से संक्रमित होने की स्थिति में ज्यादा खतरे में हैं, जो लोग 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं। गर्भवती महिलाओं को इस वायरस से अधिक खतरा है। बता दें कि इस वायरस से बच्चों को ज्यादा खतरा हैं। 5 साल से कम आयु के बच्चे H3N2 संक्रमण से ज्यादा खतरे में होते हैं।
एक रिपोर्ट में बताया गया कि बच्चे अधिक खतरे में क्यों हैं? सीडीसी द्वारा किए गए अध्ययनों ने संकेत दिया है कि 2001 के बाद पैदा हुए बच्चों में H3N2v वायरस का खतरा ज्यादा है। वहीं बुजुर्गों में इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होता है, शायद इसलिए वो वायरस के संपर्क में आ सकते है।
H3N2 संक्रमण के लक्षण
H3N2 से संक्रमित लोगों में सामान्य सर्दी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे- खांसी, सर्दी और बुखार। इसके अलावा निमोनिया के लक्षण, पसीना आना, ठंड लगना, सांस की तकलीफ, सीने में दर्द, थकान और भूख न लगना की भी शिकायत देखी जाती है। निमोनिया में रोगी को हरी, पीली या खूनी बलगम वाली खांसी हो सकती है। इस वायरल रेस्पिरेटरी इलनेस में उथली सांस और घरघराहट भी देखी जाती है।