बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (Estimated to contribute over USD 50 billion in mobile phone exports by 2025-26): केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि भारत से स्मार्टफोन का निर्यात दोगुना होकर 11 अरब डॉलर से अधिक होने के साथ ही देश मोबाइल डिवाइस सेगमेंट में ग्लोबल लीडर बनने की राह पर है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) और उद्योग के सूत्रों के अनुमान के अनुसार, भारत से मोबाइल फोन का निर्यात 11.12 बिलियन अमरीकी डालर के करीब पहुंच गया है जिसमें आई फोन निर्माता एप्पल का कुल निर्यात का लगभग आधा हिस्सा है।

  • ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम की बड़ी जीत-वैष्णव
  • 10 अरब डॉलर के मोबाइल फोन निर्यात का लक्ष्य
  • 2025-26 तक 300 बिलियन अमरीकी डालर के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का लक्ष्य

‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम की बड़ी जीत-वैष्णव

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि स्मार्टफोन के निर्यात को दोगुना करके 11 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक करने के साथ, भारत दुनिया के मोबाइल डिवाइस बाजार में अग्रणी बनने की राह पर है और भारत के इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। वैष्णव ने कहा “यह पीएम मोदीजी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के लिए एक बड़ी जीत है।”

आईसीईए ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारत से मोबाइल फोन का निर्यात दोगुना बढ़कर 90,000 करोड़ रुपये, लगभग 11.12 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है, जो वित्त वर्ष 22 में 45,000 करोड़ रुपये था।

10 अरब डॉलर के मोबाइल फोन निर्यात का लक्ष्य

भारत सरकार ने इस बार 10 अरब डॉलर मूल्य के मोबाइल फोन निर्यात का लक्ष्य रखा है। अमेरिकी टेक जाइंट एप्पल ने सबसे ज्यादा 50% हिस्सेदारी के साथ 5.5 बिलियन अमरीकी डालर मूल्य के ‘मेड इन इंडिया’ आई फोन के निर्यात किया है जो लगभग 45,000 करोड़ रुपए है। दूसरे नंबर पर 36,000 करोड़ रुपए के निर्यात के साथ सैमसंग है जिसने लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा है।

2025-26 तक 300 बिलियन अमरीकी डालर के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का लक्ष्य

सरकार ने 2025-26 तक 300 बिलियन अमरीकी डालर मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें निर्यात से 120 बिलियन अमरीकी डालर आने की उम्मीद है। 2025-26 तक मोबाइल फोन के निर्यात में 50 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का योगदान होने का अनुमान है। आईसीईए के अनुसार, मोबाइल फोन का निर्यात अब कुल इलेक्ट्रॉनिक सामानों के निर्यात का 46 प्रतिशत है।

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