India News(इंडिया न्यूज), Anil Thakur, India-Canada Tension: पंजाब का हर तीसरा नौजवान विदेश जाने की ख्वाहिश रखता है ताकि वो अपने सपनों को एक ऊंची उड़ान दे सके, लेकिन अपनी जिंदगी में कुछ कर गुजरने की ख्वाहिश रखने वाले नौजवानों के साथ कनाडा में एक अलग खेल चल रहा था और इस खेल को पंजाब से कनाडा जाने वाला कोई भी शख्स जब तक समझ पाता तब तक वो अलगाववादी आंदोलनों में फंस चुका होता है। काम की तलाश में अपने घर और परिवार से दूर निकले युवा प्रो-खालिस्तानी ब्रिगेड के एहसान के नीचे इतने दब जाते हैं कि उनका इस्तेमाल सात समंदर पार अपने ही देश के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन और चरमपंथी जुलुसों में होता है।
नौकरी का लालच
कनाडा में पर्दे के पीछे चुपके चुपके एक बड़ी फौज यानि प्रो- खालिस्तानी ब्रिगेड खड़ी की जा रही थी और वहां बैठे खालिस्तानी पंजाब के युवाओं को बरगला कर, छोटी-मोटी नौकरी का झांसा देकर कनाडा बुलाते थे और फिर अपनी जान पहचान में ड्राइवर, प्लंबर या फिर कोई पार्ट टाइम काम दिलवाकर उनके ब्रेन वॉस का काम किया जाता था। कुछ युवाओं को अपने नियंत्रण वाले गुरुद्वारों में सेवादार या फिर रागी का काम दिलवा दिया जाता है। जब तक इन युवाओं को अहसास होता है तब तक ये सिख फॉर जस्टिस के चंगुल में फंस चुके होते हैं और फिर इनका इस्तेमाल खालिस्तान रेफरेंडम में समर्थन जुटाने के लिए वहां के खालिस्तानी आतंकी करते हैं। खालिस्तानी आतंकी कनाडा का वीजा युवाओं को स्पांसर करने का काम कर रहे हैं।
कनाडा में ह्यूमन ट्रैफिकिंग का गंदा खेल
कनाडा में ह्यूमन ट्रैफिकिंग का ये गंदा खेल दशकों से चल रहा है और इसमें पंजाब की एक राजनैतिक पार्टी का नाम भी सामने आ रहा है जो युवाओं से पैसे ठग कर उन्हे अपनी पार्टी का सदस्य बताकर वहां पर राजनैतिक शरण दिलवाने का काम कर रही है। ये सियासी पार्टी युवाओं से पैसे लेने के बाद एक लेटर जारी करती है और उसमें धार्मिक उत्पीड़न का हवाला दिया जाता है और कनाडा पहुंचने के बाद खालिस्तानी इन्हे अपने जाल में फंसा लेते हैं।
कनाडा का ढुलमुल रवैया
कनाडा जिन खालिस्तानी आतंकियों के नाम पर तूफान खड़ा करने की कोशिश कर रहा है उनका कनाडा में खासा दबदबा है और बब्बर खालसा इंटरनेशनल जैसे आतंकी संगठनों के साथ मिलकर खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टरों का एक बड़ा नेटवर्क कनाडा में खड़ा किया जा रहा था। कनाडा की तरफ से भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले आतंकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। 1985 में कनिष्क विमान बॉम्बिंग के बाद पूरी दुनिया दहल गई थी लेकिन कनाडा के ढुलमुल रवैये के चलते आतंकी तलविंदर सिंह परमार और उसके सहयोगी बच निकले।
खालिस्तानी कट्टरपंथ की कमर तोड़ने की तैयारी
कनाडा को अब भारत ने जवाब देना शुरू कर दिया है मोदी सरकार खालिस्तानी कट्टरपंथ की कमर तोड़ने की तैयारी में है। भारत ने कनाडा को कड़ा रुख दिखाया है और कनाडा में अब ह्यूमन ट्रैफिकिंग और युवाओं को बरगलाने की साजिश का पर्दाफाश हुआ है, आपसी गैंगवार में खालिस्तानी आतंकी मारे जा रहे हैं साथ ही वहां पर आराम फरमा रहे खालिस्तानी आतंकियों और उनके गुर्गों की संपत्ति को पंजाब में जप्त करना भी शुरू कर दिया है। NIA लगातार अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है आने वाले टाइम में प्रो खालिस्तानी ब्रिगेड पर और लगाम कसी जाएगी।
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