इंडिया न्यूज़ : केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने भारत में मलेरिया के खात्में को लेकर बड़ा बयान दिया है। मांडविया ने कहा है कि भारत 2030 तक मलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य के प्रति तेजी से आगे बढ रहा है। मालूम हो, आज नई दिल्ली में मलेरिया पर आयोजित एशिया-प्रशान्त नेताओं के सम्मेलन में वर्चुअल संबोधन में डॉ. मांडविया ने कहा कि भारत मलेरिया उन्मूलन रणनीति के वैश्विक उदाहरण के रूप में उभरा है।
मांडविया ने जी-20 अध्यक्षता के मंत्र के जरिए दिया दुनिया को सन्देश
बता दें, आगे अपने सम्बोधन में मांडविया ने यह भी कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के मंत्र एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य के अनुरूप भारत अपने संसाधनों, ज्ञान और अनुभवों को अन्य देशों के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है। आगे स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के कई घटक हैं, जिनमें शुरू में ही रोग का पता लगाना, समुचित उपचार और निगरानी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को लक्षणों का पता लगाने और तुरन्त उपचार के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
मलेरिया के प्रति संघर्ष को कारगार आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ; मांडविया
मालूम हो, अपने सम्बोधन में स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात पर भी जोर देते हुए कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना, आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्र, और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन मलेरिया के प्रति संघर्ष को कारगार बनाने में योगदान कर रहे हैं। वहीँ त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने राज्य में मलेरिया के खिलाफ संघर्ष में अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया। साथ ही नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने कहा कि एक साथ प्रयासों के बिना इस रोग पर पूरी तरह नियंत्रण संभव नहीं है। आखिर में भारत में मलेरिया मिशन पर केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने भी आयोजन को संबोधित किया। एक साथ -एक सुर में एक मंच पर सभी ने भारत में मलेरिया के खात्मे पर जोर दिया।