India News (इंडिया न्यूज़), India-UAE:अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के बीच सोमवार को स्थानीय मुद्रा निपटान (एलसीएस) प्रणाली के तहत कच्चे तेल का भारत-यूएई के बीच पहला लेनदेन किया गया है। इस लेनदेन में लगभग 1 मिलियन बैरल कच्चे तेल के बिक्री शामिल थी।

भारत और यूएई के बीच तेल और गैस के मजबूत संबंध

बता दें कि, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भारतीय दूतावास ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि लेनदेन के लिए भारतीय रुपये और यूएई दिरहम दोनों का इस्तेमाल किया गया था। भारत और यूएई के बीच तेल और गैस के मजबूत संबंध हैं और यूएई भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक प्रमुख भागीदार है। पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पाद भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय व्यापार की रीढ़ हैं।
आगे इसमें कहा गया कि, यूएई कच्चे तेल का चौथा सबसे बड़ा स्रोत है और भारत के लिए एलएनजी और एलपीजी का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है। पिछले साल दोनों देशों के बीच 35.10 अरब डॉलर मूल्य के पेट्रोलियम उत्पादों का व्यापार हुआ जो कुल द्विपक्षीय व्यापार का 41.4 फीसदी है।

तेल लेनदेन एलसीएस के तहत यह दूसरा बड़ा लेनदेन

वहीं एलसीएस तंत्र की स्थापना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (पीएम) और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की मौजूदगी में 15 जुलाई 2023 को सीमा पार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग के लिए एक रूपरेखा तंत्र की स्थापना पर ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत की गई है।
जो कि यह भारत का पहला एलसीएस है और इससे लेनदेन लागत और समय कम होने और स्थानीय मुद्राओं पर निर्भरता बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे व्यापारी आपसी समझौते के आधार पर भुगतान मुद्रा चुन सकते हैं। इस बार का तेल लेनदेन एलसीएस के तहत यह दूसरा बड़ा लेनदेन था।