बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (Currently, India supplies oil to Bangladesh through railways): भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने आज भारत से उत्तरी बांग्लादेश में डीजल भेजने के लिए 377 करोड़ रुपए की 131.5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का उद्घाटन किया है। इस पाइपलाइन से लागत में कटौती और कार्बन फुटप्रिंट को कम किया जाएगा।
ऑनलाइन उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यह पाइपलाइन भारत-बांग्लादेश संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करेगी। पीएम ने कहा “पिछले कुछ वर्षों में, बांग्लादेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रत्येक भारतीय को उस पर गर्व है और हमें खुशी है कि हम बांग्लादेश की इस विकास यात्रा में योगदान करने में सक्षम हैं,”
पीएम ने आगे कहा “मुझे विश्वास है कि यह पाइपलाइन बांग्लादेश के विकास को और गति देगी, और दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण होगी”
भारत वर्तमान में बांग्लादेश को रेलमार्ग के जरिए तेल की आपूर्ति करता है। यह रेल मार्ग 512 किलोमीटर लंबा है। अब भारत पाइपलाइन के माध्यम से असम के नुमालीगढ़ से बांग्लादेश को सालाना 10 लाख टन डीजल की आपूर्ति करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि इससे न केवल परिवहन लागत को बचाने में मदद मिलेगी बल्कि ईंधन को ले जाने में कार्बन फुटप्रिंट में भी कमी आएगी।
इस पाइपलाइन परियोजना का निर्माण साल 2018 में शुरू हुआ था। दोनों देशों के बीच यह पहला क्रॉस बॉर्डर प्रोजेक्ट है। इस परियोजना का कुल लागत 377 करोड़ रुपए है। अनुदान सहायता के तहत, बंगलादेश में बनने वाले 285 करोड़ रुपए के पाइपलाइन का खर्च भारत उठाएगा। आईबीएफपीएल, उत्तरी बांग्लादेश के सात जिलों में हर साल 1 मिलियन टन डीजल का परिवहन करेगा।
यह पाइपलाइन नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) के सिलीगुड़ी स्थित मार्केटिंग टर्मिनल से बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसी) के पारबतीपुर डिपो जाएगी। फिलहाल इस पाइपलाइन का समझौता 15 सालों तक के लिए किया गया है जिसे बाद में दोनों देशों के सहमति के बाद आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
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