होम / भारतीय वायु सेना चीन सीमा पर करेगी 'प्रलय' अभ्यास, सभी घातक हथियार रहेंगे शामिल

भारतीय वायु सेना चीन सीमा पर करेगी 'प्रलय' अभ्यास, सभी घातक हथियार रहेंगे शामिल

Roshan Kumar • LAST UPDATED : January 21, 2023, 11:23 am IST

दिल्ली (Indian Air Force Pralay Exercise in north East): पूर्वोत्तर और लदाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारतीय वायु सेना पूर्वोत्तर में ‘प्रलय’ अभ्यास करने वाली है। इस युद्ध अभ्यास में पूर्वोत्तर में सभी प्रमुख हवाई अड्डों और एयरफोर्स स्टेशनों को शामिल किया जाएगा। अगले कुछ दिनों में इस अभ्यास का आयोजन किया जाएगा।

कुछ दिनों पहले, भारतीय वायुसेना ने सिक्किम और सिलीगुड़ी कॉरिडोर सेक्टर में दुश्मन की निगरानी के लिए ड्रोन और लड़ाकू विमानों के एक स्क्वाड्रन को तैनात किया था। इस स्क्वाड्रन के साथ एस-400 वायु रक्षा प्रणाली भी तैनात की गई है। एस-400 को भारत ने रूस से ख़रीदा है। यह रक्षा प्रणाली 400 किलोमीटर तक किसी भी विमान या मिसाइल को मार गिराने में सक्षम हैं। ‘प्रलय’ अभ्यास में भी एस-400 को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही राफेल और सुखोई-30 लड़ाकू विमान सहित वायु सेना के प्रमुख लड़ाकू विमान और हेलीकाप्टर इस अभ्यास में दिखेंगे।

डोकलाम में बढ़ रहा है चीन

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, चीनी डोकलाम क्षेत्र में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा हैं और भारतीय सुरक्षा एजेंसियां डोकलाम में लगातार निगरानी कर रही हैं। शिलॉन्ग में भारतीय वायु सेना की पूर्वी कमान के पास चीन सीमा की निगरानी करने का जिम्मा है। पूर्वोत्तर में भारत सीमा में दुश्मनों की किसी भी गतिविधि को यहाँ से चंद मिनटों में टारगेट किया जा सकता हैं। 2017 में भारत और चीन के बीच डोकलाम में विवाद हुआ था। 73 दिनों तक चले गतिरोध के बाद दोनों देशों ने अपनी सेनाओं को विवादित जगहों से पीछे हटाया था। डोकलाम, भूटान का हिंसा जो भारत-चीन-भूटान के ट्राईजंक्शन पर स्थित है। साल 1949 की दार्जीलिंग संधि के अनुसार, भारत भूटान की रक्षा करता है।

तवांग में हुआ था विवाद

चीनी सैनिकों ने नौ दिसंबर 2022 को तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाक़े में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफ़ा रूप से बदलने का प्रयास किया था। जिसका जवाब भारतीय सेना की तरफ से दिया गया था। दोनों सेना के सैनिकों के बीच हाथापाई हुई थी जिसमें कुछ भारतीय सैनिक घायल हो गए थे। झड़प के बाद चीन के सैनिक वापस अपनी पोस्ट पर चले गए थे। चीन, अरुणाचल प्रदेश को ‘दक्षिणी तिब्बत’ का इलाक़ा बताता आया है और इसपर अपना दावा करता है। आपको बता दे की भारत-चीन के बीच 3500 किलोमीटर की सीमा है जो तीन सेक्टरों में बंटी हैं। पश्चिम सेक्टर यानी जम्मू-कश्मीर में 1597 किलोमीटर की सीमा है। मिडिल सेक्टर यानी हिमाचल और उत्तराखंड में 545 किलोमीटर सीमा और पूर्वी सेक्टर यानी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में 1346 किलोमीटर की सीमा है।

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.