India News (इंडिया न्यूज़),Regiment of Artillery: महिला अधिकारियों के पहले बैच को भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल किया गया। चेन्नई के अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA) में सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 5 महिला अधिकारी आज आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल किया गया। ऐसे में भारतीय सेना ने महिला अधिकारियों के फर्स्ट बेंच को आर्टिलरी रेजिमेंट में अनुमति देकर महिलाओं की भूमिका का विस्तार किया है।आर्टिलरी रेजिमेंट में कमीशन की जा रही पांच महिला अधिकारियों (डब्ल्यूओ) को उनके पुरुष समकक्षों के समान ही अवसर और चुनौतियां प्रदान की जाएगी।
महिला अधिकारियों के पहले बैच को भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल किया गया।
चेन्नई के अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA) में सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 5 महिला अधिकारी आज आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल हुईं। pic.twitter.com/WRcO7dnU3h
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 29, 2023
इस मौके पर DG आर्टिलरी आदोष कुमार ने कहा कि रेजीमेंट आर्टिलरी के लिए महिला अधिकारियों का हमारे साथ स्वागत करने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। हमें उनकी क्षमता पर पूरा भरोसा है और यकीन है कि वे भविष्य में कमांड आर्टिलरी यूनिट सहित अपने संबंधित भविष्य में बहुत अच्छा कार्य करेंगी।
लेफ्टिनेंट रेखा सिंह ने ANI से बात करते हुए कहा कि मेरे पति के शहीद होने के बाद मैंने आर्मी में शामिल होने का फैसला लिया। आज मेरा प्रशिक्षण पूरा हो गया है और मैं लेफ्टिनेंट बन गई हूं। आज मेरे और मेरे परिवार के लिए एक गर्व का क्षण है। मैं अन्य महिला उम्मीदवारों को यही कहना चाहूंगी कि आप स्वयं में विश्वास रखिए और जो करना चाहती हैं उसके लिए कदम उठाइए।
बता दें इस दौरान लेफ्टिनेंट महक सैन ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत गर्व का क्षण है। मुझे पूरा यकीन है कि हम सभी अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय करेंगे और संगठन को अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे।
आर्टिलरी रेजिमेंट में महिला अधिकारियों की कमीशनिंग भारतीय सेना में चल रहे परिवर्तन का बड़ा हिस्सा है। रिपोर्ट के अनुसार साल की शुरुआत यानी जनवरी में सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने महिला अधिकारियों को आर्टिलरी में कमीशन देने निर्णय लिया था। ये पांच महिला अधिरारियों का फर्स्ट बेंच है,जिन्हें आर्टिलरी में कमीशन दिया गया है।
भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजीमेंट किसी भी युद्ध की परिस्थिति में महत्वूपर्ण भूमिका निभाती है। आज यह भारतीय सेना की दूसरी सबसे बड़ी शाखा है, जिसका काम भारतीय सेना के जमीनी अभियानों के दौरान सेना को मारक क्षमता प्रदान करना है। इस रेजीमेंट को प्रमुख तौर पर दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले हिस्सा घातक हथियारों के प्रसिद्ध है, जिसमें मिसाइल, रॉकेट्स, मोर्टार, बंदूके, तोप होते हैं। वहीं दूसरे हिस्से में ड्रोन, रडार, सर्विलांस सिस्टम होता है। कारगिल युद्ध के दौरान इस रेजीमेंट ने दुश्मन को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया था।
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