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International Day of Cooperatives: सहकारिता दिवस के मौके पर सभा को संबोधीत करते हुए अमित शाह ने कही ये खास बातें

Priyanshi Singh • LAST UPDATED : July 1, 2023, 12:43 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़),International Day of Cooperatives: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज सुबह 11 बजे नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस (Indian Cooperative Congress) को संबोधित किया। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस (International Day of Cooperatives) के मौके पर आयोजित किया गया है। बता दें इस कार्यक्रम में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि अभी देश में 85,000 PACS हैं। हमने लक्ष्य रखा है कि अगले 3 साल में देश के हर गांव में एक PACS होगा। इसका मतलब देश में 3 लाख से अधिक PACS होगा।

शाह ने कही ये महत्वूर्ण बातें –

  • इस खास मौकेे पर केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सभा को संबोधीत करते हुए कहा,”हम जब से आज़ाद हुए हैं तब से सहकारिता क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांग एक अलग सहकारिता मंत्रालय की थी। पहले सहकारिता का सारा काम कृषि मंत्रालय के अंतर्गत संयुक्त सचिव देखता था और इस वजह से सहकारिता क्षेत्र को बढ़ने में, समयअनुकुल परिवर्तन करने, पारदर्शिता लाने में और देश-विदेश में हुए बदलाव को अपने आप में समाहित करने में बहुत दिक्कत आती थी।”
  • अमित शाह ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने 75 साल से लंबी हमारी इस मांग को पूरा करके हमें स्वतंत्र मंत्रालय प्रदान किया है और मैं देख रहा हूं कि स्वतंत्र मंत्रालय बनने से सहकारिता के क्षेत्र में ढेर सारे परिवर्तन संभव हुए हैं। आगे भी ऐसा होने की उम्मीद है। भारतीय सहकारी संघ एक प्रकार से सहकारिता क्षेत्र की सर्वोच्च संस्था है और सहकारिता को ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए इस संघ ने बहुत अच्छी भूमिका निभाई है। इसने तालमेल भी बैठाया है और प्रयास भी किया है।’
  • अमित शाह ने कहा, “ऋण वितरण की अर्थव्यवस्था में लगभग 29% हिस्सा सहकारी आंदोलन का है। उर्वरक वितरण में 35%, उर्वरक उत्पादन में 25%, चीनी उत्पादन में 35% से अधिक, दूध की खरीद, बिक्री और उत्पादन में सहकारिता का हिस्सा 15% को छू रहा है।”
  • शाह ने आगे कहा,”प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी (PACS) के उनियम और क़ानून पूरे देश में अलग-अलग थे। इसके अंदर एकवाक्यता लाने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने PACS के सभी उपनियमों को बनाकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्श के लिए भेजा है। 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इसे स्वीकार कर लिया है। सितंबर के बाद देश के 85% PACS एक ही उनियम से चलेंगे।”

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