India News (इंडिया न्यूज), Israel-Hamas War: इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध का अंत होता हुआ अभी तो नहीं दिख रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि, पिछले 15 दिनों से चल रहे युद्ध के की लहर पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। वहीं इजायल के भयावह रूप के चलते गाजा परेशान हो गया है। बता दें कि, शनिवार और रविवार को रात भर इजरायली युद्ध विमानों ने गाजा के ठिकानों पर हमला किया। इसके इलावा सीरिया में दो हवाई अड्डों और कब्जे वाले वेस्ट बैंक में एक मस्जिद पर भी हमला किया। इस हमले का असर भयावह होता जा रहा है। इस तनाव भरे स्थिति में भारत और अमेरिका नई दिल्ली में 9 और 10 नवंबर को 2+2 बैठक करेगा। बता दें कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड जे. आस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन क्रमश: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत करेंगे।
इजरायल और हमास के युद्ध के कारण पश्चिम एशिया में बने हालात को देखते हुए दोनों देशों के नेता वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। बैठकों में दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ही मौजूद रहेंगे। इन बैठकों का मकसद चिंता के साझा मुद्दों पर चर्चा करना होता है। नवंबर में होने वाली वार्ता इस क्रम की पांचवीं वार्ता होगी।
इन सबके बीच सबसे चौकाने वाला आकड़ा ये सामने आया है कि, इस युद्ध के कारण अभी तक क्षेत्र से लगभग 23 लाख लोगों ने अपना घर छोड़कर वहां से भाग गए हैं। युद्ध के बीच इजरायल ने लोगों से उत्तरी गाजा छोड़ने के लिए अपना आह्वान दोहराया। मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, लगभग 700,000 लोग पहले ही गाजा छोड़कर भाग गए हैं, लेकिन सैकड़ों हजार लोग अभी भी वहीं हैं। इससे किसी भी जमीनी हमले में बड़े पैमाने पर नागरिक हताहत होने का खतरा बढ़ जाएगा। जिसके बारे में पूरी जानकारी देते हुए इजरायली सैन्य अधिकारियों ने बताया कि, हमास का बुनियादी ढांचा और भूमिगत सुरंग प्रणाली उत्तर में गाजा शहर में केंद्रित है। इजरायल डिफेंस फोर्स हमास के इन सभी सुरंगों को कुचलना चाहता है।
इसके साथ ही बता दें कि, इजरायली बमबारी में केवल गाजा पट्टी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,651 हो गई है जबकि 14,245 घायल हैं। वहीं मरने वालों में 1,873 बच्चे और 1,023 महिलाएं शामिल हैं। इन सबके बावजूद हमास ने लड़ाई को बड़े स्तर पर फैलाने की धमकी दी है। गाजा में पहुंची 20 ट्रक राहत सामग्री 13 दिनों से घेराबंदी के शिकार 23 लाख फलस्तीनियों के लिए नाकाफी साबित हुई है, रविवार को इलाके में अभावों के साये और लंबे हो गए।
वहीं इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि, जनरेटर ईंधन की कमी के कारण कम से कम 130 समय से पहले जन्मे बच्चे ‘गंभीर जोखिम’ में हैं। इसके साथ ही बिजली, पानी और दवाओं की कमी से अस्पतालों में हाहाकार मचा हुआ है, समय से पूर्व पैदा हुए 130 शिशुओं की जान को खतरा पैदा हो गया है।
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