India News (इंडिया न्यूज), Israel-Hamas war: इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है। युद्ध को शुरु हुए 15 दिनों से ऊपर हो चुका है। अब इस युद्ध में अमेरिका की भी एंट्री हो चुकी है। एक ओर अमेरिकी सरकार इजरायल के साथ खड़ा है। वहीं दूसरी तरफ अरब में बने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया जा रहा है।
बीते 72 घंटे में अरब के हथियारबंद संगठन ने अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर 8 मिसाइल और ड्रोन हमले कर चुके हैं। बढ़ती समस्या को देखते हुए जंग के साथ-साथ डिप्लोमेसी भी तेज हो गई है। अमेरिका इजराइल और गाजा युद्ध का ‘कोड 1967’ समाधान निकालने में जुटा है।
अरब में सक्रिय हथियारबंद संगठनों को आतंकी संगठन या नॉन स्टेट एक्टर्स के नाम से भी जाना जाता है। इन संगठनों को स्टेट्स का भी समर्थन प्राप्त है। जिसके कारण लेबनान की सीमा से हिजबुल्लाह संगठन के आतंकियों द्वारा इजराइली सीमा में रॉकेट और मिसाइल हमले किए जा रहे हैं। इराक और सीरिया में बने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले हो रहे हैं। बीते 20 अक्टूबर की रात एक बार फिर अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर हथियारबंद संगठन द्वारा हमला किया गया।
इराकी कुर्दिस्तान में बने अमेरिकी बेस पर 20 अक्टूबर को हमला किया गया। इससे पहले इराक और सीरिया में भी अमेरिकी बेस पर 8 ड्रोन और मिसाइल दागे गए। इन हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक रेसिस्टेंस ने ली है। वहीं 19 अक्टूबर को हूती विद्रोही संगठन द्वारा लगातार 9 घंटे तक इजराइल और अमेरिकी सेना पर बम बरसाए गए। रेड सी में तैनात USS कार्नी ने 4 क्रूज मिसाइल और 15 ड्रोन इंटरसेप्ट किए।
अनुमान लगाया गया कि इनका टारगेट अमेरिकी नेवल बेड़ा और इजराइल थे। इसके अलावा 20 अक्टूबर को लेबनान सीमा के नजदीक इजराइल पर रॉकेट हमला किया गया। जिसमें इजराइल का कम्युनिकेशन और निगरानी टावर ध्वस्त हो गया। हालांकि लेबनान सीमा से आने वाले रॉकेट का जवाब इजराइली सेना भी दे रही है।
इजरायल और फिलिस्तीन के इतिहास की बात करें तो 1975 से लेकर 2023 तक इजराइल दुनिया की नक्शा पर बढ़ता रहा है। वहीं फिलिस्तीन का क्षेत्रफल घटा है। माना जा रहा है कि 2023 में इजराइल गाजा पट्टी पर कब्जा करना चाहता है। वहीं अमेरिका अरब की नाराजगी के देखते हुए प्लान B तैयार कर चुका है।
अरब इस कोशिश में लगा है कि गाजा को एक बार फिर 1967 जैसी स्थिति में लाया जाए। जिसके लिए अमेरिका पर हमले किए जा रहे हैं। अमेरिका अरब के मनसे को समझ रहा है जिसके कारण इजराइल के हक में डिप्लोमैटिक हलचल तेज कर दी गई। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हफ्ते भर में अरब के 7 से ज्यादा देशों के दौरे किए हैं।
अमेरिका नहीं चाहता है कि इजराइल का नक्शा दोबारा 1967 जैसे बनाना चाहता है। जिसके लिए प्लान बी तैयार किया गया। प्लान बी के मुताबिक इजरायल गाजा पर हमला करेगा। जिसमें हमास का खात्मा कर दिया जाएगा। हालांकि इजरायल ने इस बात का साफ इनकार किया है। अब नए प्लान के मुताबिक इजरायल और अमेरिका उद्देश्य गाजा से हमास का शासन खत्म करना। जिसके बाद इसके बाद गाजा पट्टी में अंतरिम सरकार स्थापित करना।
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