India News (इंडिया न्यूज़),Israel-Hamas War: इजरायल और हमास के बीच जारी जंग गुजरते दिन के साथ और भी ज्यादा घातक होती जा रही है। आतंकवादी समूह हमास के खिलाफ जारी इस लड़ाई में भारत ने इजरायली सेना का समर्थन किया है। मगर, क्या आप जानते हैं कि 200 से अधिक कुकी इजरायल की सेना के साथ लड़ने के लिए तैयार हैं। ये लोग उस इजरायली फोर्स का हिस्सा हैं जो हमास के लड़ाकों को मुंहतोड़ जवाब दे रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कुकी समुदाय के लोग उनकी खातिर प्रार्थना कर रहे हैं। ये कुकी इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) में शामिल हैं।
‘खोई हुई यहूदी जनजाति’
206 कुकी इजरायल के 3,60,000 रिजर्व सैनिकों का हिस्सा हैं। इनकी जड़ें भारत के मणिपुर और मिजोरम से हैं। कुकी समुदाय के करीब 5,000 लोग इजरायल में रहते हैं। इन सभी ने देश की ओपन-डूर पॉलिसी के तहत यहां से पलायन किया। तेल अवीव इन सभी को ‘खोई हुई यहूदी जनजाति’ के तौर पर पहचान देता है। पिछले शनिवार को हमास के आतंकियों ने जब इजरायल की सीमा में घुसपैठ की तो सबसे पहले निशाने पर यही लोग आए। इजरायल में ज्यादातर कुकी स्डेरोट में रहते हैं जो कि गाजा के बहुत करीब है। रिपोर्ट के मुताबिक, हमास के हमले में किसी कुकी की मौत की खबर नहीं है मगर एक घर को जलाकर खाक कर दिया गया है।
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जानें कुकी समुदाय की इजरायल में क्या पहचान
कुकी समुदाय को हिब्रू में बेनी मेनाशे कहा जाता है। इसका अर्थ मनश्शे की संतान है। मालूम हो कि मेनाशे जोसेफ के पहले बेटे थे जिन्हें यहूदी धर्म का पहला पैगंबर माना जाता है। शावेई इजरायल नाम का एक NGO है जो ‘लॉस्ट ट्राइब’ यहूदी समुदायों को इजरायल में एंट्री दिलाने में मदद करता है। शावेई इजरायल के मुताबिक, बेनी मेनाशे इजरायल की 10 खोई हुई जनजातियों में से एक के वंशज हैं। 27 शताब्दी पहले इन लोगों को असीरियन साम्राज्य ने निर्वासित कर दिया था। इनके पूर्वज सदियों तक मध्य एशिया और सुदूर पूर्व में घूमते रहे। ये म्यांमार, बांग्लादेश और पूर्वोत्तर भारत होते हुए इजरायल में जाकर बस गए।
कुकियों का इजरायल तक कैसे हुआ विस्थापन
लालम हैंगशिंग भारत स्थित बेनी मेनाशे काउंसिल के अध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि इंडिया में उनके समुदाय के करीब 5,000 लोग मणिपुर में रहते हैं। मिजोरम में भी इनकी संख्या 1,000 के आसपास है। हैंगशिंग ने कहा, ‘मणिपुर में लंबे समय से फैली जातीय हिंसा के चलते इस समुदाय के कई लोग विस्थापित होने पर मजबूर हो गए। इन कुकियों का इजरायल में बसना धीरे-धीरे हुआ। ऐसा कह सकते हैं कि आज के 5,000 लोगों ने 30 वर्षों की यात्रा तय की है।’ उन्होंने कहा कि अब ये लोग इजरायल में काफी अच्छे तरीके से बस गए हैं। इजरायल डिफेंस फोर्स का हमारे दर्जनों लोग हिस्सा हैं। हालांकि, यह भी सच है इजरायल की ओर से इनकी सटीक संख्या नहीं बताई जाती है।
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युद्ध में 2,800 से अधिक लोगों की मौत
बता दें कि इजरायल और हमास युद्ध में दोनों पक्षों के 2,800 से अधिक लोगों की जान चली गई है और पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। हाल में इजराइल ने लेबनान के आतंकवादी समूह हिजबुल्ला पर भी हवाई हमले किए हैं जिसे देखते हुए व्यापक संघर्ष की आशंका पैदा हो गई है। पास के देशों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान प्रदर्शन देखने को मिले। यरुशलम के पुराने शहर में तनाव अपने चरम पर है। इजराइल ने उस पर हमले के बाद से गाजा पर लगातार बमबारी की है। हमास के लड़ाकों ने देश के दक्षिणी क्षेत्र में हमला किया और सैकड़ों लोगों का नरसंहार किया। उन्होंने बच्चों और एक संगीत समारोह में शामिल युवाओं की हत्या भी की। हमास ने 150 लोगों को अगवा कर लिया है और उन्हें गाजा ले गए हैं। हमास ने कहा कि गाजा पट्टी पर इजराइल की ओर से की गई भारी बमबारी में 13 बंधकों की मौत हो गई जिनमें विदेशी भी शामिल हैं।
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