India News ( इंडिया न्यूज़ ) Israel protests: इजरायल में देशव्यापी विरोध के बीच संसद में विवादास्पद न्यायिक सुधार विधेयक को कानून का रूप दे दिया गया है। बता दें कानून के समर्थन में मतदान में हिस्सा लेने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी संसद पहुंचे। वहीं उन्होंने 48 घंटे पहले ही अस्पताल से छुट्टी मिली है। ठीक इसी वक्त संसद के बाहर एकत्र भीड़ शर्म-शर्म के नारे लगाती रही। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा कर्मचारियों को कड़ा संघर्ष करना पड़ा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हुआ विरोध
इस विधेयक को नेतन्याहू के सत्तारूढ़ कट्टर दक्षिणपंथी गठबंधन के सभी 64 सदस्यों ने मंजूरी दी। विपक्षी सदस्यों ने इसका बहिष्कार किया। इस विवादास्पद विधेयक के खिलाफ इजरायल में साल की शुरुआत से विरोध हो रहा है। दरअसल यह कानून न्यायपालिका की शक्ति को कमजोर करता है। यानी न्यायपालिका के अधिकार को सीमित कर सारी शक्तियां सरकार के पास आ जाएंगी। यह कानून संसद को साधारण बहुमत से सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को पलटने की अनुमति और जजों की नियुक्ति का आखिरी अधिकार देता है।
पीएम ने कहीं यह बड़ी बात
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा- मतभेद के बावजूद देश को एक साथ रहना है। अलग-अलग सरकारी महकमों के बीच संतुलन बनाने और इसे चलाने के लिए बिल बेहद जरूरी है। हम बिल पर अब भी बातचीत के लिए तैयार हैं। हमने पहले भी कोशिश की थी, लेकिन विपक्षी नेताओं ने ऐसा नहीं होने दिया।वहीं इजराइल मजबूत लोकतांत्रिक देश है और इस तथ्य को कोई नहीं बदल सकता है। हम हर हाल में साथ खड़े रहेंगे। आपसी मतभेद के चलते दुश्मनों के सामने देश कभी भी कमजोर नहीं पड़ेगा।
ये भी पढ़े- इस देश में पहली बार पिता ने दिया बच्ची को जन्म, वजह जानकर सभी रह गए दंग