India News ( इंडिया न्यूज़ ) Japan News: नाटो ने जापान में ऑफिस खोलने के समझौते के साथ ही चीन के खिलाफ रणनीतिक घेराबंदी तेज कर दी है। दोनों पक्षों के बीच सहयोग को लेकर दस्तावेजी प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। अगले हफ्ते लिथुआनिया की राजधानी विनियस में होने वाले नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान इसकी आधिकारिक घोषणा भी की जा सकती है। यह एशिया में नाटो का अपनी तरह का पहला ऑफिस होगा। इससे नाटो को ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया के साथ समय-समय पर सहयोग करने की सुविधा भी मिलेगी।

16 सहयोग क्षेत्रों में शामिल हुए

नाटो के ऑफिस से जापान को चीन और रूस से बढ़ते खतरों से निपटने में काफी सहायता मिलेगी। जापान को उत्तर कोरिया से भी हमले का खतरा है। ऐसे में नाटो की मौजूदगी जापान की सुरक्षा को मजबूत करेगा।इसके अलावा 16 सहयोग क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। इनका उद्देश्य नाटो और जापान में संवाद को मजबूत करना, आपसी तालमेल और सैन्य संचालन को बढ़ाना और इंटेलिजेंस पर फोकस करना है।

विनियर शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे ये नाटो सदस्य

जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस हिपकिंस नाटो के विनियस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इससे पहले भी हुए शिखर सम्मेलन में इंडो-पैसिफिक के कई देशों ने नेता शामिल हुए थे। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण और चीन की मॉस्को के साथ बढ़ती दोस्ती ने नाटो और एशिया में अमेरिका के साझेदार देशों को टेंशन में डाल दिया है।