- खत्म हो सकती हैं सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता
इंडिया न्यूज,झारखंड,(Mining Lease Case) : खनन लीज मामले को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर खतरा मंडराया हुआ हैं । उन पर यह आरोप था कि विभागीय मंत्री होने के दौरान उन्होंने खनन लीज आवंटित अपने नाम करवा लिया था । जिसकी रिपोर्ट चुनाव आयोग ने झारखंड राज्यपाल रमेश बैस को सौंप दी हैं । रिपोर्ट के अनुसार अगर सीएम हेमंत सोरेन पर आरोप तय हो जाते हैं तो उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म हो सकती हैं या क्लीन चिट भी मिल सकती हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी समाप्त करने की मांग की है। जानकारी मिली है कि राज्यपाल रमेश बैस अभी दिल्ली में हैं। वह आज दोपहर बाद रांची लौटेंगे। उसके बाद स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और सांसद निशिकांत दुबे ने भी इसके संकेत दिए हैं।
मेरा परिवार इमरजेंसी में जेल गया है :दुबे
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि आरएसएस के संस्कारों का हमने पालन किया हैं । मेरा परिवार इमरजेंसी में जेल गया। भाजपा जैसी पार्टी ने मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता को सांसद बनाया, जिसके नेतृत्वकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमें गर्व है। मैंने पहले ही बता दिया था कि अगस्त पार नहीं होगा, वहीं हुआ, भारत निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट पत्र राज्यपाल रमेश बैस को पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री ने विभागीय मंत्री रहते हुए करा लिया था खनन लीज आवंटित
विभागीय मंत्री रहते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने नाम से खनन लीज आवंटित करा लिया है। यह जानकारी भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दी थी । इसके बाद भाजपा ने इस संबंध में राज्यपाल रमेश बैस से शिकायत की थी। इसके बाद राज्यपाल ने भारत निर्वाचन आयोग से इस बारे में मंतव्य मांगा था। भारत निर्वाचन आयोग में इस मामले को लेकर लंबी सुनवाई चली। पिछले दिनों सुनवाई पूरी हो गई थी। तभी से यह कयास लगाया जा रहा कि चुनाव आयोग किसी भी क्षण अपना फैसला सुना सकता है। अब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से बताया जा रहा कि चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को भेज दी है। अगर उनकी बात सही है तो इसका खुलासा कभी भी हो सकता है।
दिल्ली से रांची लौट रहे हैं राज्यपाल रमेश बैस
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली गए हुए थे । लेकिन मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल रमेश बैस आज गुरुवार दोपहर बाद रांची पहुंचने वाले हैं। यह भी माना जा रहा है कि उनके आने के बाद चुनाव आयोग की रिपोर्ट से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अवगत कराया जाएगा। अगर हेमंत सोरेन के पक्ष में फैसला नहीं आता है तो झारखंड में राजनीतिक संकट खड़ा हो जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन को मुख्यमंत्री पद के लिए नया नेता का चुनाव करना पड़ सकता है।
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