Jharkhand Violence: झारखंड में रामनवमी के बाद से ही उपद्रवियों की तरफ से लगातार अशांति फैलाने की कोशिश की जा रही है। इसी क्रम में रविवार (9 अप्रैल) को एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। जमशेदपुर के शास्त्रीनगर में एक धार्मिक झंडे के अपमान के बाद दो गुटों के बीच पथराव हुआ साथ ही आगजनी की गई। भीड़ को शांत करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। फिलहाल प्रशासन ने क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
जमशेदपुर में दो समुदायों के बीच झड़प
दरअसल, जमशेदपुर में शास्त्री नगर ब्लॉक नंबर 3 स्थित जटाधारी हनुमान अखाड़ा का झंडा उतारने के दौरान झंडे के बांस में मांस का टुकड़ा पाया गया। यह देखकर हिंदूवादी संगठन भड़क उठे और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद दो समुदायों के लोगों में आमने-सामने की टक्कर हुई। हालांकि प्रशासन ने तुरंत किसी तरह मामले को शांत कराया।
हिंसा में जमकर पत्थरबाजी और आगजनी
आरोप है कि रविवार को मंदिर कमेटी के लोग बैठक कर रहे थे तभी दूसरे समुदाय के लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे लोग फिर से आक्रोशित हो उठे और दोनों तरफ से पत्थरबाजी शुरू हो गई। इसके बाद देखते ही देखते इलाके में हिंसा फैल गई और उपद्रवियों ने आगजनी भी शुरू कर दी। उन्होनें दुकानों में आग लगा दी और कई वाहनों में तोड़फोड़ की।
क्षेत्र में लगाई गई धारा-144
जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और उपद्रवियों को नियंत्रित करने क कोशिश की। इस दौरान 6 पुलिसकर्मी जख्मी भी हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। . फिलहाल प्रशासन ने बढ़ते हिंसा को देखते हुए धारा-144 को लागू कर दी है।
हिंसा वाले इलाके में फिलहाल हालात काबू
मामले को लेकर जमशेदपुर एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि फिलहाल हालात काबू में हैं। उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक, नगर पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी, कंट्रोल रूम एवं जिले के अन्य वरीय पदाधिकारियों के नंबर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कुमार ने बताया कि उन्होनें सभी शहरवासी को शांतिपूर्ण माहौल बनाने अपील की है।
रामनवमी के जुलूस पर हुआ था पथराव
बता दें इससे पहले 31 मार्च की रात को जमशेदपुर के हल्दीपोखर में रामनवमी पर जमकर पथराव हुआ था। जुगसलाई में रामनवमी के अवसर पर लोग जब जुलूस निकाल रहे थे तब कुछ लोगों ने इसका विरोध करते हुए जुलूस पर पथराव शुरू कर दिया। वहीं ये सब देख गुस्साए लोगों ने बाटा चौक में हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। इसके बाद दोनों समुदाय के लोगों के बीच भड़काऊ नारेबाजी हुई और फिर देखते ही देखते लोगों ने तोड़ फोड और आगजनी शुरू कर दी। इस हिंसा में पांच लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे।
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