जोशीमठ/उत्तराखंड: जोशीमठ में आए इस संकट से वहां के लोगों के साथ-साथ आस पास के पहाड़ी इलाकों में बसे लोग भी परेशान है, क्योंकि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्की मानवीय भूल है। जी हां, जोशीमठ में ऐसे ही भू-धसांव नहीं हुआ है, जोशीमठ के लोगों का मानना है की राज्य सरकार की ओर से नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी) के विकास योजनाओं के कारण भू-धसांव हुआ है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि 520 मेगावाट की तपोवन विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजना के लिए 12 किलोमीटर लंबी सुरंग खोदने से क्षेत्र में धंसाव बढ़ गया है। इसके चलते जोशीमठ में लोग एनटीपीसी के जारी विकास परियोजनाओं का विराध कर रहे है। पूरे जोशीमठ में ‘एनटीपीसी गो बैक’ के नारे और पोस्टर लगाकर लोग विरोध जता रहें है। विगत 10 जनवरी को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने एनटीपीसी के अधिकारियों को जोशीमठ मामलें पर बुलाया भी था।

न्यूज़ वेबसाइट न्यूजलॉन्ड्री से उत्तराखंड के चमोली जिले के डीएम ने कहा “एनटीपीसी प्लांट पर काम अब बंद है। केंद्र और राज्य सरकार ने इस प्लांट से हुए नुकसान के आरोपों का संज्ञान लिया है. वे जानते हैं कि विशेषज्ञों को स्वतंत्र रूप से इसकी जांच करने की जरूरत है। हम सच्चाई जानना चाहते हैं ताकि जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके।”

हालांकि तपोवन प्रोजेक्ट के हेड आरपी अहिरवार ने जोशीमठ के मामलें पर कुछ भी बोलने से इंनकार कर दिया है। आपको बता दें की एनटीपीसी का यह प्रोजेक्ट जोशीमठ से 15 किलोमीटर की दूरी पर है।