इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आतंकियों ने दो गैर-कश्मीरी मजदूरों की हत्या कर दी। मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आतंकियों की करतूत को निंदनीय करार देते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका ने कहा कि सरकार के पास एक्शन के नाम पर केवल खोखले बयान हैं। जनता और प्रवासी मजदूरों की रक्षा के लिए ठोस काम कब किया जाएगा?
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कन्नौज के दो मजदूर मनीष कुमार और रामसागर के ऊपर शोपियां के हरमेन इलाके में आतंकियों ने हथगोला फेंक दिया, जिससे वे घायल हो गए। घायल मजदूरों को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी जान नहीं बच सकी। जिसके बाद इलाके की घेराबंदी की गई।
प्रियंका गांधी ने कहा
इस आतंकी घटना को लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट में लिखा, ”कश्मीर में आतंकियों की ओर से उत्तर प्रदेश के मजदूरों, और एक कश्मीरी पंडित भाई की हत्या की घटना निंदनीय है। आतंकी लगातार हत्या की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं लेकिन सरकार के पास एक्शन के नाम पर केवल खोखले बयान हैं। आम जनता और प्रवासी मजदूरों की रक्षा को लेकर ठोस कदम कब उठाए जाएंगे?”
कश्मीर जोन के एडीजीपी ने कहा
कश्मीर जोन के एडीजीपी विजय कुमार ने बताया कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के हाईब्रिड आतंकी इमरान बशीर गनी ने हैंड ग्रेनेड फेंका था, आतंकी शोपियां के हरमेन का रहने वाला है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि आगे की जांच और छापेमारी चल रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों मजदूरों पर हथगोला तब फेंका गया जब वे एक टिन शेड में सो रहे थे। उल्लेखनीय है कि कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट्ट की हत्या के दो दिन बाद आतंकियों ने टारगेट किलिंग की इस वारदात को अंजाम दिया।
15 अक्टूबर को आतंकियों ने की थी कश्मीरी पंडित की हत्या
शोपियां में ही शनिवार (15 अक्टूबर) को आतंकियों ने पूरण कृष्ण भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। भट्ट पर हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन कश्मीर फ्रीडम फाइटर ने ली थी। जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा समेत कई राजनीतिक दलों ने आतंकी घटना की निंदा की थी।
कश्मीर में आतंकी घटनाएं
ज्ञात हो, जनवरी से लेकर अगस्त तक के आंकड़े में आतंकियों ने 27 लोगों की टारगेट किलिंग की। अक्टूबर में इन तीन लोगों को मिलाकर संख्या 30 पहुंच गई ह। इसी साल जुलाई में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में जानकरी दी थी कि जनवरी 2017 से लेकर अब तक कश्मीर में आतंकियों ने 28 मजदूरों की हत्या की है। गैर-कश्मीर मजदूरों, कश्मीरी पंडितों और पुलिस और सेना के जवानों को लक्षित कर अंजाम दी जा रही आतंकी वारदातों को लेकर घाटी में आम लोगों में रोष है। वहीं, सरकार लगातार दावे कर रही है कि घाटी पहले से ज्यादा सुरक्षित है।