कोलकाता (Know Mangala Kanti Roy who Win Padma Shri awardee 102 Years): पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के 102 वर्षीय मंगला कांति रॉय ने पद्म श्री पुरस्कार विजेताओं में से एक होने पर ख़ुशी जाहिर की है, उनका नाम 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म सम्मान के लिए जारी लिस्ट में था। मंगला को कला (लोक संगीत) श्रेणी में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
मंगला कांति रॉय ने कहा, “जब से हमें पद्म पुरस्कार के बारे में पता चला है, मैं बहुत खुश महसूस कर रहा हूं। मैं 4-5 साल की उम्र से ही सारिंदा बजाने का काम कर रहा हूँ। दिल्ली, कामाख्या से लेकर दार्जिलिंग तक हर जगह सारिंदा बजाने का काम किया है।” रॉय पश्चिम बंगाल के सबसे पुराने लोक संगीतकारों में से एक हैं और सारिंदा के माध्यम से ‘अद्वितीय बर्ड कॉल’ बजाने के लिए प्रसिद्ध हैं। वह कार्यशालाओं और प्रदर्शनों के माध्यम से 8 दशकों से सरिंदा वाद्य यंत्र का प्रचार और संरक्षण कर रहे हैं।
क्या होता है सारिंदा
सारिंदा स्टील, लकड़ी, चर्मपत्र और घोड़े के बाल से बना एक वाद्य यंत्र है। यह एक जनजातीय वाद्य यंत्र जो देश के आदिवासी इलाकों में बजाया जाता है। त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल में इसे मुख्य रूप से बजाया जाता हैं। इस वर्ष 106 पद्म पुरस्कार विजेताओं की सूची में देश के विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न व्यवसायों से व्यक्ति शामिल हैं। इसमें अधिकांश कला के क्षेत्र से चुने गए हैं। सूची में छह पद्म विभूषण, नौ पद्म भूषण और 91 पद्म श्री विजेता शामिल हैं। पुरस्कार पाने वालों में नौ महिलाएं हैं जबकि सात को मरणोपरांत पुरस्कार मिलेगा। राष्ट्रपति हर साल मार्च या अप्रैल के आसपास राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पुरस्कार प्रदान करते हैं।