india news (इंडिया न्यूज़) : KARNATKA : कर्नाटक में कांग्रेस के जिस किसी वरिष्ठ नेता को स्पीकर पद की पेशकश की जा रही है, वह इस जिम्मेदारी पर साफ इंकार कर दे रहा है। सूत्रों की माने तो उन्हें इस कुर्सी से जुड़ी मनहूसियत का डर सता रहा है। बता दें, यहाँ की राजनीती में ऐसी मान्यता है कि विधानसभा अध्यक्ष बनने वाले नेताओं को अगले चुनाव में हार मिली है और उनका राजनीतिक करियर पूरी तरह समाप्त हो गया है।
पिछले विधानसभा स्पीकर हारे, मनहूसियत बनी कुर्सी
बता दें, कर्नाटक में विधानसभा अध्य्क्ष की कुर्सी इसलिए मनहूसियत मानी जा रही क्योंकि यहां पिछली बीजेपी सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी भी चुनाव हार गए। उनकी हार ने पार्टी को झटका दिया और एक मजबूत नेता के रूप में उनकी ताकत पर सवाल खड़े हुए।
विधानसभा स्पीकर पर हम नहीं तो हम नहीं
मालूम हो, कर्नाटक की राजनीती को करीब से समझने वाले राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 2004 के बाद से जो भी इस प्रतिष्ठित पद पर बैठा, उसे अपने राजनीतिक करियर में गहरा झटका लगा है। मालूम हो, केआर पेट सीट से कृष्णा जो एसएम कृष्णा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में 2004 में विधानसभा अध्यक्ष बने 2008 में चुनाव हार गए हैं। इसी वजह से सूत्रों की माने तो डॉ जी परमेश्वर ने सीधे-सीधे प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। खबरें तो यह भी आ रही है कि पार्टी टीबी जयचंद्र, एचके पाटिल, बीआर. पाटिल और वाई.एन. गोपालकृष्ण जैसे वरिष्ठ नेताओं में से किसी एक को स्पीकर बनाने पर विचार कर रही है। हालांकि, उनमें से कोई भी इच्छुक नहीं है।
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