बाल को प्रत्यारोपित कराने के लिए यूं तो कई तरीके मौजूद हैं। गंजेपन का इलाज कह लें या फिर कम बालों के लिए अक्सर लोग हेयर ट्रांसप्लांटेशन कराते हैं। यह एक सर्जिकल प्रोसेस है। इसमें लगभग दो से तीन सप्ताह के बाद बाल उगने लगते हैं। सात से आठ महीने बाद बालों की ग्रोथ पूरी तरह से हो जाती है। इससे गंजेपन वाले हिस्से को छुपाने में मदद मिलती है। लेकिन, क्या आपको पता है कि हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान भी हो सकते हैं। इस आर्टिकल में हम हेयर ट्रांसप्लांट क्या है? यह कैसे होता है? हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान आदि से जुड़ी जरूरी बातें जानेंगे।
हेयर ट्रांसप्लांट का खर्च ज्यादा होने के साथ ही इसकी प्रक्रिया बहुत लंबी होती है। यह बहुत ही पीड़ादायक भी होती है। इसकी प्रक्रिया शुरू करने से पहले व्यक्ति को लोकल एनेस्थीसिया की मदद से उसके सिर के हिस्से को सुन्न किया जाता है। साथ ही प्रक्रिया पूरी होने के काफी लंबे समय बाद भी व्यक्ति को दर्द, सूजन और इंफेक्शन से बचाव करने के लिए दवाएं खाने की सलाह दी जाती है। बता दें मौजूदा समय में दो तरीकों से बाल प्रत्यारोपण की प्रक्रिया की जाती है। जिसे फॉलिक्यूलर यूनिट स्ट्रिप सर्जरी और फॉलिक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन कहा जाता है। व्यक्ति को कौन-सी प्रक्रिया अपनानी चाहिए यह उसके गंजेपन पर निर्धारित की जाती है।
⦁ हेयर ट्रांसप्लांट अन्य सर्जरी के मुकाबले काफी सस्ता होता है।
⦁ जो लोग गंजेपन के कारण अपने आत्मविश्वास में कमी महसूस कर रहें हैं, उनके लिए हेयर ट्रांसप्लांट सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है।
⦁ हेयर ट्रांसप्लांट गंजेपन की समस्या से छुटकारा पाने का स्थायी समाधान है।
⦁ हेयर ट्रांसप्लांट के बाल नैचुरल नहीं होते हैं लेकिन, यह नैचुरल ही दिखाई देते हैं।
⦁ इस प्रक्रिया से हर कोई मनचाहा बाल पा सकते हैं।
बालों के ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया भी एक तरह की कॉस्मेटिक प्रक्रिया ही है। इसके कई तरह के दुष्प्रभाव भी देखे गए हैं। हालांकि, हर व्यक्ति के मामले में इसके प्रभाव अलग-अलग हो सकते हैं। इसके कुछ नुकसान हो सकते हैं, जैसे :
हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान में एक यह है कि बाल प्रत्यारोपण के बाद सिर की त्वचा में खुजली होती है। हालांकि, यह कुछ दिनों में ठीक हो जाती है। लेकिन,अगर समय रहते इस बात पर ध्यान न दिया जाए तो खुजलाहट भयंकर भी हो सकती है। ऐसा मुख्य रूप से सिर की स्किन से पपड़ी निकलने की वजह से होता है। नियमित रूप से शैम्पू करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन, समस्या अगर लगातार बनी हुई है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
बाल प्रत्यारोपित कराने के बाद हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान के रूप में यह देखने को मिलता है कि संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, हेयर ट्रांसप्लांट के कई मामलों में से एक व्यक्ति में ऐसा देखने को मिलता है।
ज्यादातर मामलों में हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान नहीं दिखते हैं। लेकिन, हेयर ट्रांसप्लांट के बाद आपको ब्लीडिंग होने की संभावना बनी रहती है। बाल प्रत्यारोपण के बाद थोड़ा खून निकलना तो नॉर्मल है जिसे एक सामान्य प्रेशर देकर रोका जाता है। लेकिन, अगर रक्तस्त्राव ज्यादा होने लगे तो डॉक्टर से परामर्श करें।
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