होम / जाने भारत जोड़ो यात्रा में सोनिया गांधी के शामिल होने के क्या हैं मायने

जाने भारत जोड़ो यात्रा में सोनिया गांधी के शामिल होने के क्या हैं मायने

Priyanshi Singh • LAST UPDATED : October 6, 2022, 3:26 pm IST

देश की राजनीति में कभी सबसे ताकतवर पार्टी रही और सबसे ज्यादा सत्ता पर काबिज रह चुकी कांग्रेस पार्टी इस वक्त भारी अंतर्कलह और बिखराव से जूझ रही है। पार्टी न तो स्थायी अध्यक्ष पद पर किसी नाम पर फैसला ले पा रही है और न ही पार्टी के पुराने वफादार नेताओं को जाने से रोक पा रही है। ऐसे में 2024 लोकसभा चुनाव भी नजदीक है। इस आपाधापी और अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी के नेतृ्तव में भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की है जो लगातार जारी है। पांच महीनों तक की इस यात्रा में कांग्रेस नेता 12 राज्यों का भ्रमण करते हुए कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा करेंगे। कांग्रेस की इस यात्रा का मकसद सिर्फ भाजपा को चुनौती देना नहीं खुद का अस्तित्व बचाना भी है। इस यात्रा से क्या कांग्रेस जोड़ो मकसद पूरा हो पाएगा? पार्टी के असंतुष्ट खेमे की नाराजगी दूर हो पाएगी? इसके अलावा विपक्षी दलों में खुद को साबित करने की चुनौती भी है।

कर्नाटक के मंड्या में पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं सोनिया गांधी

बता दें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी आज कर्नाटक के मंड्या में पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं। राहुल ने कंधे पर हाथ रखकर मां का स्वागत किया। इसके बाद यात्रा में मौजूद महिला नेताओं ने सोनिया गांधी का हाथ थाम लिया।करीब 15 मिनट तक पैदल चलने के बाद राहुल ने सोनिया को वापस कार में भेज दिया। हालांकि, कुछ देर आराम करने के बाद सोनिया फिर से पैदल यात्रा में शामिल हो गईं। सोनिया एक महीना पहले ही कोरोना से उबरी हैं। अभी उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है।

बता दें सोनिया गांधी कर्नाटक के मंड्या से इस यात्रा में शामिल होना खास है। दरअसल कांग्रेस का दक्षिण से गहरा कनेक्शन है शायद इसी वजह से सोनिया ने पद यात्रा में शामिल होने के लिए इस जगह को चुना। तो चलिए आपको विस्तार से बताते हैं कि कांग्रेस का दक्षिण से क्या कनेक्शन है?

कर्नाटक से है सोनिया गांधी का गहरा संबंध

कर्नाटक से सोनिया गांधी का गहरा संबंध है। जब कभी गांधी परिवार पर राजनीतिक संकट आया है, तब दक्षिण भारत ने उसे मुश्किल से उबारा है। भारत की दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी दक्षिण भारत की सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ा है। इमरजेंसी की बाद जब इंदिरा गांधी की सरकार चली गई थी तो 1980 में जब उन्हें एक सुरक्षित लोकसभा सीट की जरूरत थीं।

ऐसे में उन्होंने कर्नाटक के चिकमंगलूर से चुनाव लड़ा था। इंदिरा गांधी ने आंध्रप्रदेश के मेंडक और UP के राय बरेली से नामांकन दाखिल किया था। हालांकि, बाद में उन्होंने राय बरेली की सीट छोड़ दी।

कर्नाटक के बेल्लारी सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं सोनिया गांधी

सोनिया गांधी ने भी कर्नाटक के बेल्लारी सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं। 1999 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी को UP की अमेठी सीट से हारने का डर था। ऐसे में उन्होंने बेल्लारी से नामांकन दाखिल किया और अपने नामांकन को लेकर गोपनीयता रखने की कोशिश की।

हालांकि BJP को यह बात पता चल गई और उन्होंने सोनिया के खिलाफ सुषमा स्वराज को मैदान में उतार दिया। सुषमा स्वराज इस सीट से 56 हजार के वोटों से हार गई थीं। यही नहीं जब 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को लगा कि वो अमेठी से चुनाव हार जाएंगे तो उन्होंने केरल के वायनाड से चुनाव लड़ा।

ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि सोनिया गांधी का कर्नाटक के मंड्या में पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होना कांग्रस पार्टी के लिए कितना फायदेमंद है।

ये भी पढ़ें – Fire Break Out in Gandhi Nagar: गांधी नगर कपड़ा मार्केट में इमारत की दूसरी मंजिल से शव बरामद

 

 

Tags:

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.