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बाबा साहेब के जन्मदिवस पर जानें उनके सुविचार, जो बदल सकती है आपकी जिंदगी

इंडिया न्यूज़ : आज संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती है। आज ही के दिन दलित समाज के उत्थान और भारत को संविधान जैसी गीता देने वाले आम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को ब्रिटिश भारत के मध्य भारत प्रांत (अब मध्य प्रदेश) में स्थित महू नगर सैन्य छावनी में हुआ था। वे रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की अंतिम संतान थे। उनका परिवार कबीर पंथ को माननेवाला मराठी मूूल का था और वो वर्तमान महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में आंबडवे गांव के निवासी थे।

बाबा साहेब के कार्य

बता दें, आज बाबा साहेब की 132 वीं जयंती है। उनके द्वारा किये गए कार्यों की बात करे तो अम्बेडकर जी ने जातिगत भेदभाव को समाप्त करने के लिए समाज में फैली बुराइयों को समझने के तरीकों की खोज शुरू की। इसके बाद उन्होंने जातिगत भेदभाव को समाप्त करने और अस्पृश्यता को मिटाने के लिए एक सभा की खोज की। उन्होंने 1920 में कालकापुर के महाराजा शाहजी द्वितीय की मदद से “मूकनायक” नामक एक समाचार पत्र को लॉन्च करने का अपना काम पूरा किया । फिर उन्होंने ग्रे इन में बार कोर्स पूरा करने के बाद अपना कानूनी कार्य शुरू किया और जातिगत भेदभाव की वकालत करने वाले विवादित कौशल को लागू करते हुए ब्राह्मणों पर जातिगत भेदभाव और कई गैर-ब्राह्मण नेताओं पर आरोप लगाया उन्होंने संघर्ष किया और सफलता हासिल कर ली।

बाबा साहेब के अनमोल सुविचार

••जो धर्म स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है, वही सच्चा धर्म है।

•• शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो।

••• हम आदि से अंत तक भारतीय हैं।

••• ज्ञान हर व्‍‍यक्ति के जीवन का आधार है।••• शिक्षा वो शेरनी है। जो इसका दूध पिएगा वो दहाड़ेगा।

••• यदि आप मन से स्वतंत्र हैं तभी आप वास्तव में स्वतंत्र हैं।
••• अच्छा दिखने के लिए नहीं, बल्कि अच्छा बनने के लिए जिओ।

••• एक इतिहासकार सटीक, ईमानदार और निष्‍पक्ष होना चाहिए।

••• मन का संवर्धन मानव अस्तित्व का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए।

••• महात्‍मा आये और चले गये। परन्‍तु अछुत, अछुत ही बने हुए हैं।

••• मनुवाद को जड़ से समाप्‍त करना मेरे जीवन का प्रथम लक्ष्‍य है।

••• बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।

••• वर्गहीन समाज गढ़ने से पहले समाज को जातिविहीन करना होगा।

••• महान प्रयासों को छोड़कर इस दुनिया में कुछ भी बहुमूल्‍य नहीं है।

••• शिक्षा महिलाओं के लिए भी उतनी ही जरूरी है जितनी पुरुषों के लिए।

••• छीने हुए अधिकार भीख में नहीं मिलते, अधिकार वसूल करना होता है।

••• जो झुक सकता है वो झुका भी सकता है।

••• जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए।

••• एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।

••• न्याय हमेशा समानता के विचार को पैदा करता है।

••• धर्म मनुष्य के लिए बना है न कि मनुष्य धर्म के लिए।

Ashish kumar Rai

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