इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा दर्ज कराए गए मानहानि के केस रद्द करने की माँग की थी।
इस सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने मनीष सिसोदिया की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि यदि आप सार्वजनिक बहस को इस स्तर तक नीचे लाते हैं, तो आपको इसके परिणाम भुगतने होंगे। आपको इसके लिए पहले बिना शर्त माफी माँगनी चाहिए।
इस पर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सिसोदिया की ओर से कहा, “आप सत्ता का इस्तेमाल धमकाने के लिए नहीं कर सकते। हमने कभी आरोप नहीं लगाया। हमने जो कहा है, वह तथ्य हैं। हमने कभी ये आरोप नहीं लगाया है कि उन्हें पैसे मिले हैं।”
सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा, “असम के मुख्यमंत्री की बीवी के भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा से आपका क्या मतलब है?”
जस्टिस कौल कि ये घटना कब की है, जिसके जवाब में अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि मार्च 2020 में। जस्टिस कौल ने कहा, “बीच कोरोना काल में! सरकार का समर्थन करने की बजाए आप आरोप लगाने में व्यस्त थे? ऐसे कठिन समय में किसी ने कुछ ऐसा किया जिससे कुछ अच्छा हो।”
दरअसल, मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार करने के गुवाहाटी उच्च न्यायालय के आदेश को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिसोदिया ने असम के सीएम पर और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे। सिसोदिया ने दावा किया था कि सरमा ने अपनी पत्नी की कंपनी को ठेका दिलवाया था और पीपीई किट्स के लिए ज्यादा रुपए का भुगतान भी कराया था।
इसके साथ ही मनीष सिसोदिया ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा था कि असम के वर्तमान सीएम हिमंत बिस्वा सरमा जो 2020 में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे, उन्होंने उस वक्त कोरोना महामारी की आड़ में जमकर भ्रष्टाचार किया। इस मामले को लेकर पहले असम के मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने दिल्ली के डिप्टी सीएम के सभी आरोपों से इनकार किया। फिर इसके बाद उन्होंने मनीष सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था।
गुवाहाटी हाई कोर्ट ने ख़ारिज की याचिका
गुवाहाटी हाई कोर्ट ने शराब घोटाले के आरोपित मनीष सिसोदिया की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने सरमा के मानहानि केस को रद्द करने की माँग की थी।