बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (Market News: All three companies were being monitored since March 8): अडाणी ग्रुप को आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) से बड़ी राहत मिली है। ग्रुप की तीन कंपनियों अडाणी एंटरप्राइजेज (ADANI ENTERPRISES), अदाणी पॉवर (ADANI POWER) और अदाणी विल्मर (ADANI WILMAR) को शॉर्ट टर्म एडीशनल सर्विलांस नॉर्म्स (ASM) से बाहर निकाल दिया है। स्टॉक एक्सचेंज ने आज से इन सभी कंपनियों की निगरानी समाप्त कर दी है।

  • इन कंपनियों की क्यों हो रही थी निगरानी ?
  • निगरानी हटने के बाद क्या होगा फायदा ?
  • किसी शेयर पर क्यों रखा जाता है निगरानी ?

इन कंपनियों की क्यों हो रही थी निगरानी ?

दरअसल 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी ग्रुप के शेयरों में तेजी से गिरावट देखने को मिली थी। जिसके बाद एनएससी और बीएसई ने छोटी अवधी के लिए अडाणी ग्रुप की तीनों कंपनियों पर निगरानी रखनी शुरू कर दी थी। एनएससी और बीएसई ने इन कंपनियों पर एडीशनल सर्विलांस नॉर्म्स के तहत 8 मार्च से निगरानी रखना शुरू किया था जिसे अब खत्म कर दिया गया है।

निगरानी हटने के बाद क्या होगा फायदा ?

जिन तीनों शेयरों को आज एएसएम से बाहर निकाला गया है वो सारे शेयर अब ग्रीन जोन में आ चुके हैं। इन सभी कंपनियों के डेरीवेटिव कांट्रैक्ट्स को पहले की तरह ही लागू कर दिया जाएगा। स्टॉक एक्सचेंज ने मार्जिन की लागू दर 50% या इससे अधिक भी अगर कोई मौजूदा मार्जिन हो अब 100% कैप्ड होगी।

किसी शेयर पर क्यों रखा जाता है निगरानी ?

एएसएम फ्रेमवर्क में किसी स्टॉक के तब रखा जाता है जब किसी स्टॉक में काफी ज्यादा उतार चढ़ाव होता है। स्टॉक एक्सचेंज निवेशकों की सुरक्षा और उनके हितों के लिए ऐसा करती हैं। एएसएम फ्रेमवर्क शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों के लिए हो सकते हैं। आपको बता दें कि इस फ्रेमवर्क में आने के बाद इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए 100% अपफ्रंट मार्जिन की जरूरत पड़ती है।

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