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Medical Negligence: चिकित्सीय लापरवाही से हुई मौतों के लिए डॉक्टरों की सजा में बदलाव, जानें क्या है नए विधेयक में

India News (इंडिया न्यूज), Medical Negligence: 20 दिसंबर को लोकसभा ने भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक में एक संशोधन को पारित कर दिया। जिसमें किसी चिकित्सक के लापरवाह कृत्य के कारण होने वाली मौत के मामले में डॉक्टरों को दोषी नहीं माना जाएगा। कानून के तहत मिलने वाली सजा को कम किया गया है। ऐसे डॉक्टर को दो साल की सजा अब मिलेगी। फिलहाल ऐसे कृत्य गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है।

लोकसभी में गृह मंत्री अमित शाह ने औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए तीन विधेयकों पर बहस का जवाब देते हुए कहा, ‘वर्तमान में अगर किसी डॉक्टर की लापरवाही से कोई मौत होती है तो उसे भी गैर इरादतन हत्या माना जाता है। मैं डॉक्टरों को इससे मुक्त करने के लिए अब एक आधिकारिक संशोधन लाऊंगा।’

हो सकती है दो वर्ष तक की सजा

आगे अमित शाह ने कहा कि ‘यदि ऐसा कार्य किसी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा चिकित्सा प्रक्रिया करते समय किया जाता है, तो उसे दो वर्ष तक की कैद की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसमें खंड 106(1) लापरवाही से मौत का कारण बनने से संबंधित है।’

‘संशोधन में गैर इरादतन हत्या के मामलों में डॉक्टरों की सजा कम करने का प्रावधान है। गृह मंत्री ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में उन्हें पत्र लिखा था।’

इसके अलावा बुधवार को लोकसभा में तीन नए आपराधिक कानून विधेयक पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (सीआरपीसी) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। 39 नई उपधाराएं जोड़ी गई हैं।

अमित शाह ने कहा कि सीआरपीसी की 177 धाराओं में बदलाव किया गया है। 44 नए प्रावधान और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं। 35 अनुभागों में समय रेखाएँ जोड़ी गई हैं और 14 अनुभाग हटा दिए गए हैं।

मॉब लिंचिंग पर फांसी

अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद की व्याख्या पहली बार मोदी सरकार ने की है। जिसके कारण हम इसकी कमियों का फायदा नहीं उठा पाते। देशद्रोह को देशद्रोह में बदलने का काम किया गया है। व्यक्ति की जगह देश को रख दिया गया है। देश को नुकसान पहुंचाने वालों को कभी भी बख्शा नहीं जाना चाहिए।’ यह कानून देशद्रोह को देशद्रोह में बदलने का काम करेगा।

उन्होंने कहा कि अगले 100 साल में इतने तकनीकी बदलाव होंगे। इस कानून में तमाम प्रावधान किये गये हैं। मॉब लिंचिंग एक घृणित अपराध है और इस कानून में हम मॉब लिंचिंग के अपराध के लिए मौत की सजा का प्रावधान कर रहे हैं।

‘मॉब लिंचिंग एक घृणित अपराध’

उन्होंने आगे कहा कि मॉब लिंचिंग एक घृणित अपराध है और इस कानून में हम मॉब लिंचिंग के अपराध के लिए मौत की सजा का प्रावधान कर रहे हैं। उन्होंने 70 वर्षों में से 58 वर्षों तक शासन किया है, तो जब वे सत्ता में आए तो परिवर्तन क्यों नहीं लाए। आप उस तरफ भी बैठे होंगे। बाहर भी बैठे होंगे।

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Reepu kumari

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