इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : मोदी कैबिनेट ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए वन रैंक वन पेंशन योजना को रिवाइज कर दिया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि वन रैंक वन पेंशन का रिवीजन किया गया है और पहले इस योजना में 20.60 लाख पेंशनरों को लाभ मिलता था, लेकिन अब रिवीजन के बाद 25 लाख लोगों को फायदा होगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस फैसले से सरकार पर 8500 करोड़ का भार आएगा।
सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वन रैंक वन पेंशन (OROP) के तहत रक्षा बलों के कार्मिकों/पारिवारिक पेंशनरों की पेंशन में अगले संशोधन को मंजूरी दे दी है। अब रक्षा बलों के पेंशनभोगी/पारिवारिक पेंशनभोगी को ओआरओपी प्रस्ताव के अनुसार बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी।
25 लाख पेंशनभोगियों को होगा लाभ
सरकार ने बताया कि यह लाभ युद्ध विधवाओं और विकलांग पेंशनरों सहित पारिवारिक पेंशनरों को भी दिया जाए। यह युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए आकर्षित करेगा। सरकार ने यह भी कहा कि यह ओआरओपी के तहत रक्षा बल कर्मियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों की पेंशन में संशोधन के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करेगा। सरकार ने कहा कि एरियर का भुगतान चार छमाही किश्तों में किया जाएगा।
क्या है वन रैंक वन पेंशन स्कीम?
आपको बता दें, वन रैंक वन पेंशन का अर्थ सशस्त्र बलों के कर्मियों को समान रैंक और समान अवधि की सेवा के लिए समान पेंशन का भुगतान है, भले ही उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि कुछ भी हो। उदाहरण के तौर पर अगर एक अधिकारी जो 15 वर्षों (1985 से 2000 तक) के लिए सेवा में रहा है, और 2000 में सेवानिवृत्त हुआ, उसे 2010 में सेवानिवृत्त होने वाले और 1995 से 2010 (15 वर्ष) तक सेवा में रहने वाले अधिकारी के समान ही पेंशन मिलेगी।