India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Monkeypox: दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। भारत में भी इस वायरस का खतरा है। ऐसे में मंकीपॉक्स के संक्रमण की आशंका को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सफदरजंग अस्पताल में नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है। दिल्ली के तीन अस्पतालों को मंकीपॉक्स के इलाज के लिए नोडल अस्पताल बनाया गया है। सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के प्राइवेट वार्ड में छह कमरे इसके उपचार के लिए आरक्षित किए गए हैं। मरीज को तुरंत आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा।

मंकीपॉक्स आइसोलेशन वार्ड बनाया गया

इसके साथ ही इसके इलाज के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है। ताकि अगर कोई संदिग्ध मंकीपॉक्स मरीज की पहचान होती है तो उसे जल्दी से जल्दी भर्ती किया जा सके और इलाज शुरू किया जा सके।

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क्या है लक्षण और उपाए

अस्पताल की ओर से जारी एसओपी में कहा गया है कि मंकीपॉक्स के मरीजों को बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, छाले, गले में खराश या शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन आ जाती है। इसके कारण लिम्फ नोड्स को हटा दिया जाता है। ऐसे लक्षण पाए जाने पर मरीज को अन्य मरीजों से अलग कर उसकी जांच की जाएगी।

इसके उपचार के लिए छह कमरे आरक्षित

सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के प्राइवेट वार्ड में छह कमरे इसके उपचार के लिए आरक्षित किए गए हैं। मरीज को तुरंत आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा। कुछ दिन पहले एम्स ने भी मंकीपॉक्स के उपचार के लिए पांच बेड आरक्षित किए थे। एम्स में एक संदिग्ध मरीज भी मिला था। अभी तक मंकीपॉक्स का कोई पुष्ट मामला नहीं मिला है। दुनिया के कई देशों में इसके मामले पाए गए हैं। इसके चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे वैश्विक आपातकाल घोषित किया है।

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