इंडिया न्यूज, शिमला:
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने सबसे ज्यादा कहर मंडी, चंबा और कांगड़ा जिले में बरपाया है। इन जिलों में भूस्खलन, बादल फटने व अन्य बर्षाजनित हादसों को मिलाकर करीब 35 छोटी व बड़ी घटनाएं सामने आई हैं और इनमें मृतकों की संख्या 22 हो गई है और कुछ लोग अब भी लापता हैं। शिमला और कांगड़ा जिले में विभिन्न हादसों में एक बच्ची सहित दो-दो लोगों की मौत हुई है। कांगड़ा के शाहपुर में मकान गिरने की घटना में नौ वर्षीय बच्ची की जान गई। वहीं मंडी में 15 और चंबा में तीन लोग काल का ग्रास बने हैं।

कांगड़ा : बाल-बाल बचे ज्वालामुखी के एसडीएम

ज्वालामुखी के एसडीएम मनोज ठाकुर तेज बहाव में बहने से बाल-बाल बच गए। चंबापत्तन पुल के पास यह घटना हुई है। मनोज ठाकुर की प्राइवेट गाड़ी हालांकि बह गई। आसपास के लोगों ने मनोज ठाकुर को बचा लिया नहीं तो वह भी हादसे का शिकार हो जाते। गहरे पानी के अंदर उनकी गाड़ी चली गई थी और ट्रैक्टर से गाड़ी को बाहर निकाला गया। ज्वालामुखी ऐरिया कांगड़ा जिले के तहत आता है।

मंडी-पठानकोट नेशनल हाईवे ट्रैफिक के लिए बंद, कल रेलवे पुल बहा

राज्य के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश के चलते चक्की खड्ड उफान पर है और स्थिति को देखते हुए मंडी-पठानकोट नेशनल हाईवे को भी बंद कर दिया गया है। गौरतलब है कि भारी बरसात के कारण कल चक्की खड्ड पर बना हिमाचल को पंजाब से जोड़ने वाला रेलवे का पुल बह गया था। इस पुल को एक सप्ताह पहले ही असुरक्षित घोषित कर किया जा चुका था। अगस्त के पहले हफ्ते से यहां ट्रेनों का परिचालन बंद था। दोनों यानी सड़क व रेलवे का पुल ज्यादा दूर नहीं है। दोनों पुल ज्यादा दूर नहीं है।

ये आसपास पास ही हैं, जिसके चलते मंडी-पठानकोट नेशनल हाईवे को भी वाहनों के लिए फिलहाल बंद रखा गया है। पंजाब और दूसरे राज्यों से मंडी-कांगड़ा आने वाले यातायात को अन्य मार्गों से डाइवर्ट कर दिया गया है। एनएचआईए की ओर से आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार भारी बारिश के मद्देनजर फिलहाल पुल को ट्रैफिक के लिए बंद रखा है। आज निरीक्षण करके पुल को आगे के लिए खोलने या बंद रखने का निर्णय लिया जाएगा।

मुख्य सचिव ने की आपात बैठक, मंडी में प्रधान व उनके परिवार के 8 लोगों की मौत

प्रदेश के मुख्य सचिव आरडी धीमान ने अधिकारियों के साथ आपात बैठक कर हालात का जायजा लिया है। तीनों जिलों मंडी, कांगड़ा और चंबा में फिलहाल स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया गया है। अन्य जिलों के अधिकारी भी स्थिति के अनुसार निर्णय लेंगे। मंडी जिले में बारिश का कहर सबसे ज्यादा बरपा है। यहां गोहर इलाके में पहाड़ी धंसने के कारण काशन पंचायत के जड़ोन गांव में पंचायत प्रधान खेम सिंह के साथ-साथ उनके परिवार के 8 सदस्यों की मौत हो गई। शुक्रवार व शनिवार की दरम्यानी रात हुए भूस्खलन में उनका मकान चपेट में आ गया। उस समय सभी सो रहे थे।

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अब तक 1135 करोड़ का नुकसान, 215 से ज्यादा मौतें, अधिकतर बांध खतरे के निशान से ऊपर

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश में बारिश व अन्य हादसों के कारण 1,135 करोड़ रुपए की निजी व सरकारी संपत्ति बर्बाद हो गई है। इसके अलाव इस बार के मानसून में बादल फटने, बाढ़, भूस्खलन व सड़क हादसों में अब तक 215 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। इनमें से शिमला जिले में 35 और कुल्लू में 31 लोग मारे गए हैं। राज्य की अधिकांश नदियों पर बने बांध खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गए हैं।

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