बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (About Rs 23.2 lakh crore has been sanctioned in 40.82 crore loan accounts under the scheme): केंद्र सरकार ने की ओर से साल 2015 में शुरू किए गए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को अब 8 साल पूरे हो चुके हैं। पीएम मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में 8 अप्रैल 2015 को इस योजना की शुरुआत की थी। 8 साल पूरा होने के बाद, इस योजना से जुड़े कुछ डेटा सामने आए हैं। अभी तक इस योजना के तहत 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
- 68% खाते महिला उद्यमियों के- सितारमण
- यह योजना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर- सितारमण
- क्या है मुद्रा योजना ?
68% खाते महिला उद्यमियों के- सितारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने योजना की आठवीं वर्षगांठ पर कहा “योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के हैं और 51 प्रतिशत खाते एससी / एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को ऋण की आसान उपलब्धता ने प्रति व्यक्ति आय में नवाचार और निरंतर वृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है”
यह योजना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर- सितारमण
वित्त मंत्री ने एमएसएमई के माध्यम से स्वदेशी विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा, “एमएसएमई के विकास ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम में बड़े पैमाने पर योगदान दिया है क्योंकि मजबूत घरेलू एमएसएमई घरेलू बाजारों के साथ-साथ निर्यात के लिए स्वदेशी उत्पादन में वृद्धि करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “पीएमएमवाई योजना ने जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ गेम चेंजर भी साबित हुई है।”
क्या है मुद्रा योजना ?
प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) 8 अप्रैल, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमी को 10 लाख रुपये तक के आसान संपार्श्विक-मुक्त माइक्रो-क्रेडिट की सुविधा के उद्देश्य से शुरू की गई थी।ये ऋण वाणिज्यिक बैंक, आरआरबी, लघु वित्त बैंक, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा दिए जाते हैं।
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