लंदन हाईकोर्ट के द्वारा नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी देने के बाद अब इस बात की चर्चाएं तेज हो गई है कि नीरव मोदी की भारत वपसी कब होगी और यदी होगी तो उन्हे कहां और कैसे रखा जाएगा। बता दें अभी भी उसके भारत आने का रास्ता पूरी तरह साफ नहीं हुआ है. क्योंकि, अभी भी उसके पास सुप्रीम कोर्ट और फिर ह्यूमन राइट्स कोर्ट जाने का रास्ता बचा है.लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने फरवरी 2021 में नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी. इसे उसने हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहां उसकी अपील खारिज हो गई.

बता दें हाईकोर्ट ने कहा कि प्रत्यर्पण के बाद नीरव मोदी को मुंबई में आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर-12 में रखा जाएगा, जो पूरी तरह सुरक्षित है और वहां उसकी लगातार निगरानी भी होगी, ताकि उसके आत्महत्या की कोशिश करने का जोखिम भी कम हो

गौरतलब है नीरव मोदी ने अपने मामा मेहुल चोकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को 14,500 करोड़ रुपये का चूना लगाया है. अकेले मोदी पर 6,805 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है. पीएनबी घोटाला सामने आने से पहले ही जनवरी 2018 में नीरव मोदी भारत छोड़कर भाग गया था.

आर्थर रोड जेल को 1925 में अंग्रेजों ने बनवाया था. इस जेल का नाम सर जॉर्ज आर्थर के नाम पर रखा गया है, जो 1842 से 1846 तक बंबई (अब मुंबई) के गवर्नर रहे थे. 1970 में इस रोड का नाम बदलकर साने गुरुजी मार्ग कर दिया गया था. 1994 में जेल का नाम भी बदलकर मुंबई सेंट्रल प्रिजन रखा गया. फिर भी इसे आर्थर रोड जेल के नाम से ही जाना जाता है. आर्थर रोड जेल 2.83 एकड़ में फैली हुई है. इसमें एक बार में 800 कैदी रह सकते हैं. लेकिन कई बार कैदियों की संख्या दो से तीन हजार भी पहुंच जाती है.  इस जेल में 2008 के मुंबई हमलों का दोषी आतंकी अजमल कसाब, अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम, छोटा राजन समेत कई हाई प्रोफाइल कैदी रह चुके हैं.