India News(इंडिया न्यूज़), Nirmala Sitharaman said on the 6th anniversary: बीते शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी शासन की 6वीं वर्षगांठ पर कहा कि, “जीएसटी ने पिछली व्यवस्था की तुलना में दरें नीचे लाकर उपभोक्ताओं के साथ न्याय किया है। जीएसटी लागू होने से पहले, भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली खंडित थी। जहां हर राज्य प्रभावी रूप से उद्योग के साथ-साथ उपभोक्ता के लिए एक अलग बाजार था। जीएसटी ने अधिक कर उछाल लाया गया, जिसके परिणामस्वरूप, आपकी जीएसडीपी वृद्धि से अधिक, आपका कर संग्रह बढ़ रहा है।
इसलिए, केंद्र और राज्यों दोनों को लाभ मिल रहा है। हमें इस मिथक को दूर करना होगा कि जीएसटी के लिए हाथ मिलाने के बाद राज्यों को नुकसान हो रहा है।
जीएसटी को ‘गब्बर सिंह’ टैक्स कहा जा रहा है जो शर्म की बात है: वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण “हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, साबुन, परफ्यूम और डिटर्जेंट पर, औसत प्री-जीएसटी कर का बोझ लगभग 28% था, जिसे जीएसटी के तहत घटाकर 18% कर दिया गया। तो ये ठोस संख्याएं हैं। तो, किसी को कहना था, जीएसटी वास्तव में एक बोझ लाया है और मैं पूरी अभिव्यक्ति दोहराना नहीं चाहता, लेकिन यह सच है कि इसे ‘गब्बर सिंह’ टैक्स कहा जा रहा है। जो शर्म की बात है क्योंकि इस देश को पता होना चाहिए। वास्तव में जीएसटी जैसा कदम है केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है,”आम नागरिक को राहत मिली।”