India News (इंडिया न्यूज़), Orissa High Court: ओडिशा हाईकोर्ट ने पिता की संपत्ति पर बेटियों के अधिकार को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि बेटियां माता-पिता की संपत्ति की बेटों के बराबर हकदार हैं और उनका पिता की संपत्ति पर भी अधिकार होगा।
पिता कि संपत्ति में बेटिओं का बराबर अधिकार
कोर्ट ने तीन बहनों और भाईयों के बीच प्रपॉर्टी के बंटवारे को लेकर यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि अगर पिता की मृत्यु हिंदू उत्तराधिकार संशोधन अधिनियम से पहले हो गई हो तो भी लड़कियां माता-पिता की संपत्ती की बेटों के बराबर की हकदार मानी जाएंगी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस विद्युत रंजन सारंगी और जस्टिस मुरारी श्री रमन की बेंच कर रही थी।
क्या कहता है भारतीय कानून
मिताक्षरा कानून (Mitakshara law) बेटों को संयुक्त संपत्ति में जन्म से अधिकार देता है लेकिन इस कानून में 2005 में संशोधन कर बेटियों को भी शामिल किया गया है। याचिकाकर्ता के पिता की 19 मार्च, 2005 को मृत्यु हो गई थी और हिंदू उत्तराधिकार संशोधन अधिनियम 2005, 9 सितंबर, 2005 को लागू हुआ था।
याचिकाकर्ता का कहना है कि पिता की मृत्यु के बाद उनके तीन भाईयों ने ओडिशा भूमि सुधार अधिनियम के तहत प्रॉपर्टी को अपने नाम करवा ली। इसे याचिकाकर्ता और उनकी तीन बहनों ने उपजिलाधिकारी के समक्ष चुनौती दी और वह पिता की पैतृक संपत्ति में बराबर की हिस्सेदार हो गईं।
हाई कोर्ट पहुंचा मामला
इस फैसले को भाइयों ने क्लेम कमीशन में चुनौती दे दी। इस पर क्लेम कमीशन ने याचिकाकर्ता के खिलाफ आदेश दिया और फिर मामला हाईकोर्ट पहुंचा। यहां कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि मिताक्षरा लॉ जन्म से ही बेटे को संयुक्त परिवार की संपत्ति में अपने पिता के बराबर अधिकार देता है।
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