India News (इंडिया न्यूज़), P20 Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यशोभूमि अधिवेशन केंद्र में जी20 के सदस्य देशों की संसदों के पीठासीन सभापतियों (P20) के नौवें सम्मेलन का उद्घाटन किया। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (P20) में प्रतिनिधियों का स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने सम्मेलन (पी20) को संबोधित किया। भारत की जी20 की अध्यक्षता की व्यापक रूपरेखा के तहत संसद द्वारा सम्मेलन की मेजबानी की जा रही है। भारत की जी20 की अध्यक्षता की तरह ही नौवें पी20 सम्मेलन की थीम ‘एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य के लिए संसद’ है।

हमारी लोकतंत्र सबसे अमूल्य विरासत

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि ये अत्यंत गौरव का विषय है कि भारत की अध्यक्षता में जी 20 लीडर समिट में नई दिल्ली डिक्लेरेशन को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। ये भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व और वैश्विक दृष्टिकोण को दर्शाता है। ये वैश्विक चुनौतियों पर जी 20 देशों की एकजुटता और प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है। पी 20 सम्मेलन लोकतांत्रिक मुल्यों अंतरराष्ट्रीय संयोग तथा वैश्विक महत्व के विषयों एंव समकालीन चुनौतियों के समाधान से साझा संसदीय प्रयासों के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। लोकतंत्र हमारी सबसे अमूल्य विरासत है। लोकतंत्र हमारी जीवनशैली, आचार, विचार, व्यवहार में है। एक तरह से ये हमारी संस्कृति और संस्कार में आत्मसात है।

भारतीय को संसदीय प्रक्रिया पर पूर्ण भरोसा

संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने कहा,”यह समिट एक प्रकार से दुनिया भर की अलग-अलग संसदीय प्रथाओं का महाकुंभ है। आप सभी प्रतिनिधि अलग-अलग संसदीय कार्यशैली के अनुभवी हैं। आपका इतने समृद्ध लोकतांत्रिक अनुभवों के साथ भारत आना हम सभी के लिए बहुत सुखद है।”

उन्होंने आगे कहा,”भारत में हम लोग आम चुनाव को सबसे बड़ा पर्व मानते हैं। 1947 में आज़ादी मिलने के बाद से अब तक भारत में 17 आम चुनाव और 300 से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव ही नहीं कराता बल्कि इसमें लोगों की भागीदारी भी बढ़ रही है। देशवासियों ने मेरी पार्टी को लगातार दूसरी बार विजयी बनाया है। 2019 का आम चुनाव मनाव इतिहास की सबसे बड़ी मानव कसरत थी। इसमें 60 करोड़ वोटर ने हिस्सा लिया। तब भारत में 91 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे, जो पूरे यूरोप की कुल आबादी से अधिक है। यह दिखाता है कि भारत में लोगों का संसदीय प्रक्रियाओं में कितना भरोसा है।”

आतंकवाद दुनिया के लिए बड़ी चुनौती

वहीं संबोधन के दौरान आतंकवाद पर भी चर्चा किए। उन्होंने कहा, “करीब 20 साल पहले आतंकवादियों ने हमारी संसद को निशाना बनाया था। उस समय संसद का सत्र चल रहा था और आतंकवादियों की मंशा सांसदों को बंधी और उनको खत्म करने की थी। दुनिया को भी एहसास हो रहा है कि आतंकवाद दुनिया के लिए कितनी बड़ी चुनौती है। आतंकवाद जहां भी होता, किसी भी कारण, किसी भी रूप में होता वह मानवता के विरुद्ध होता है।

उन्होंने आगे कहा, ऐसे में आतंकवाद को लेकर हम सभी को सख्ती बरतनी होगी। आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति ना बन पाना बहुत दुखद है। आज भी UN भी इसका इंतजार कर रहा है। दुनिया के इसी रवैया का फायदा मानवता के दुश्मन उठा रहे हैं। दुनिया भर के प्रतिनिधियों को सोचना होगा की आतंकवाद के खिलाफ हम कैसे काम कर सकते हैं।

इन देशों के प्रतिनिधि हुए शामिल

P20 समिट से पहले बांग्लादेश संसद की अध्यक्ष शिरीन शर्मिन चौधरी, ऑस्ट्रेलिया प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष मिल्टन डिक, संयुक्त अरब अमीरात और पैन अफ्रीका के कार्यवाहक अध्यक्ष ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से अनौपचारिक बातचीत की। वहीं इस सम्मेलन में इंडोनेशिया, मैक्सिको, सऊदी अरब, ओमान, स्पेन, यूरोपीय संसद, इटली, दक्षिण अफ्रीका, रूस, तुर्किये, नाइजीरिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, जापान, मिस्र और बांग्लादेश के वक्ता और प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख उपस्थित हुए।

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