India News (इंडिया न्यूज), Sambhal ASI Survey: संभल के चंदौसी में शनिवार को इतिहास के नए पन्ने खुलते नजर आए, जब एक प्राचीन बावड़ी कुएं की खुदाई के दौरान एक सुरंग और एक प्राचीन इमारत मिली। दो जेसीबी मशीनों की मदद से यह खुदाई देर रात तक जारी रही। माना जा रहा है कि जमीन के नीचे तहखाना मौजूद हो सकता है।

152 साल पुराने मंदिर में मिली चौकाने वाली चीजें

यह बावड़ी कुआं लक्ष्मण गंज क्षेत्र में जीर्ण-शीर्ण बांके बिहारी मंदिर के पास मिला है। बताया जा रहा है कि करीब 35 साल पहले तक इस क्षेत्र में हिंदू आबादी निवास करती थी, लेकिन मुस्लिम आबादी बढ़ने के बाद हिंदू समुदाय यहां से पलायन कर गया। इसके बाद बावड़ी कुआं को पाटकर उस पर प्लाटिंग और पार्किंग बना दी गई। शिकायत मिलने पर प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और डीएम राजेंद्र पेंसिया के निर्देश पर नगर निगम के अधिकारियों और पुलिस बल के साथ खुदाई शुरू करा दी।

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खुदाई के दौरान दिखे कमरों के दरवाजे और दीवारें

खुदाई के दौरान बावड़ी के आसपास कमरों की दीवारें और दरवाजे नजर आए। बताया जा रहा है कि यह बावड़ी 200 फीट तक गहरी है और इसमें तीन मंजिल तक कमरे बने हुए हैं। प्रशासन ने अब इसे मूल स्वरूप में लाने के लिए खुदाई जारी रखने का फैसला किया है।

कल्कि मंदिर और कृष्ण कूप का ASI सर्वे

इस बीच, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक टीम ने संभल के प्राचीन कल्कि मंदिर का सर्वेक्षण किया। टीम ने मंदिर के गुंबद और दीवारों पर की गई नक्काशी के वीडियो और फोटो खींचे। उन्होंने मंदिर परिसर में स्थित कृष्ण कूप का भी निरीक्षण किया।

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सर्वे में खुले इतिहास के पूराने पन्ने

लक्ष्मणगंज में मिले इस प्राचीन बावड़ी कुएं की खुदाई से एक बार फिर इस क्षेत्र का पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व उजागर हुआ है। स्थानीय लोगों के अनुसार यह कुआं और इसके आसपास की इमारतें सैकड़ों साल पुरानी हैं।