India News ( इंडिया न्यूज़ ), Pakistan: पाकिस्तान के पू्र्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें लगातार बढ़ती हुई नजर आ रही है। जिसके बाद अब उनके विदेश यात्रा पर भी रोक लगा दी गई है। जानकारी के लिए बता दें कि, पूर्व पीएम इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी के देश छोड़कर जाने पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि, पाकिस्तानी (Pakistan) संघीय कैबिनेट की एक उपसमिति ने बुधवार को अल कादिर ट्रस्ट मामले में पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान और 28 अन्य के नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट में रखने की सिफारिश की।
इमरान खान पर आरोप
इस मामले में आरोप लगाया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने 50 अरब रुपये को वैध बनाने के लिए बहरिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपये और सैकड़ों कनाल की जमीन प्राप्त की। इमरान को अल कादिर ट्रस्ट मामले में इस साल की शुरुआत में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी घोषित कर दिया था। इस कारण इमरान खान को मजबूरी में रिहा करना पड़ा था। बाद में उन्हें चुनावी चंदे और गुप्त राजनयिक पत्रों को सार्वजनिक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
गृह मंत्रालय ने दी जानकारी
जानकारी के लिए बता दें कि, इमरान खान इस वक्त आदियाला जेल में कैद हैं। उन्हें 14 नवंबर को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने फिर से गिरफ्तार कर लिया। जिसकी जानकारी देते हुए पाकिस्तानी (Pakistan) गृह मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट कर कहा कि, संघीय कैबिनेट की उपसमिति की एक बैठक आज आयोजित की गई थी। इसमें अंतरिम आंतरिक मंत्री सरफराज बुगती और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए। समिति ने विभिन्न विभागों और संस्थानों से भेजे गए 41 लोगों के नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट पर डालने की सिफारिश की। एनएबी की सिफारिश पर, 190 मिलियन पाउंड के घोटाले में इमरान खान सहित 29 लोगों के नाम ईसीएल में डालने की सिफारिश की गई है।
दोषी पाए गए इमरान खान
बता दें कि, पीएमएल-एन नेता ने दावा किया था कि उस समय प्रधानमंत्री इमरान खान ने जवाबदेही पर पूर्व प्रधानमंत्री के सहयोगी शहजाद अकबर को मामले को सुलझाने का काम सौंपा था। आंतरिक मंत्री ने आरोप लगाया था कि अकबर ने पूरे मामले को निपटा दिया, जबकि 50 अरब रुपये – जो राज्य की संपत्ति थी और राष्ट्रीय खजाने से संबंधित थी, उसे बहरिया टाउन की देनदारी में इस्तेमाल किया गया था। इन आरोपों के अगले दिन, संघीय कैबिनेट ने मामले में इमरान और उनकी पत्नी बुशरा की कथित संलिप्तता की जांच के लिए एक समिति का गठन किया।
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