Pakistan smuggling food from Iran: पाकिस्तान में रमजान के महीने के दौरान सभी सब्जियों की कीमतें 40 प्रतिशत की वृद्धि के साथ प्रति किलो तीन अंकों के पार चली गई है। नकदी की तंगी वाले पाकिस्तान में स्थानीय लोग अब ईरान से तस्करी कर रहें है। तस्करी के सामानों की कीमत भी रावलपिंडी और इस्लामाबाद जैसे शहरों की कीमतों से सस्ती पड़ रही है। डॉन की रिर्पोट के अनुसार, रावलपिंडी और इस्लामाबाद में कई विक्रेताओं ने ईरानी सामानों के लिए विशेष स्थान बनाए हैं, जिनमें तेल और पनीर भी शामिल है।
- लोग ईरानी समानों को काफी पसंद कर रहे
- आम जनता का खाने पर खर्च बढ़ रहा है
- सीमा पार से तस्करी होती है
पेशावर मोर में साप्ताहिक बाजार इन वस्तुओं, विशेष रूप से पैक किए गए भोजन खरीदने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों में एक परिवार जो फरवरी 2022 में 10,000 रूपये खर्च करता था वही परिवार फरवरी 2023 में 14,700 पाकिस्तानी रुपये खाने के सामानों पर खर्च करने के लिए मजबूर है।
लोग सामानों को पसंद कर रहे
खाद्य कीमतों में भारी बढ़ोतरी के बीच, पाकिस्तानियों ने ईरान से “तस्करी” किए गए पैकेज्ड खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है जो साप्ताहिक बाजारों में सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं। खासकर रावलपिंडी और इस्लामाबाद जैसे शहरों में। इन साप्ताहिक बाज़ारों के एक दुकानदार ने बताया कि वह पहले सूखे मेवे और मसाले बेचते थे, लेकिन अब उनकी दुकान में ईरानी सामानों के लिए बड़ी जगह है क्योंकि लाभ मार्जिन अधिक है और ईरानी सामानों के बारे में कोई शिकायत भी नहीं आती। साथ ही, पैक किए गए खाद्य पदार्थों की शेल्फ लाइफ लंबी होती है। रिपोर्टों के अनुसार, ईरानी वस्तुओं को उपभोक्ताओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।
आधिकारिक रूप से आयात नहीं
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान से खाद्य पदार्थों का आधिकारिक रूप से आयात नहीं किया जाता है। यह ईरान और बलूचिस्तान के बीच और अफगानिस्तान के माध्यम से पाकिस्तान में तस्करी की जाती है। यह तस्करी पहले बलूचिस्तान तक ही सीमित थी, पाकिस्तान में चल रहे आर्थिक संकट और खाद्य मुद्रास्फीति ने तस्करों को देश के लगभग सभी हिस्सों में अपनी पहुंच बढ़ाने का अवसर प्रदान किया। सेंटर फॉर पाकिस्तान एंड गल्फ स्टडीज (CPGS) के अध्यक्ष नासिर शेराज़ी ने डॉन से कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे विरल आबादी वाला क्षेत्र है और हमारे सिस्टम के लिए उस प्रांत के दूरदराज के हिस्सों में लोगों की जरूरतों को पूरा करना संभव नहीं है। यहां तक कि ग्वादर और कुछ अन्य क्षेत्रों में बिजली भी ईरान से आ रही है क्योंकि यहां राष्ट्रीय ग्रिड का विस्तार बहुत महंगा था।
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