(दिल्ली) : पाकिस्तान में महंगाई इन दिनों आसमान की बुलंदियां छू रही है। पाकिस्तानी में आटे की कीमत150 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गए हैं, वहीं टमाटर 300 से 400 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है। बात -बात पर परमाणु धमकी देने वाला पाकिस्तान मदद के लिए दुनिया के सामने गिड़गिड़ा रहा है। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि एक्सपोर्ट-इंपोर्ट के लिए डॉलर नहीं मिल रहा है। पेट्रोल पंपों पर तेल नहीं मिलने से लंबी लाइनें लगी हुई हैं। पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति को देखे तो कुछ हद तक आपको पिछले साल का श्रीलंका नजर आएगा।
भयावह आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान के लिए आशा की एकमात्र किरण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) से मिलने वाला कर्ज था, लेकिन अब इसके भी आसार खत्म होते दिख रहे हैं। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, IMF रिव्यू मिशन ने पाकिस्तान के सर्कुलर डेब्ट मैनेजमेंट प्लान (CDMP) को अव्यवहारिक बताते हुए खारिज कर दिया है। यानि कर्ज पर पाकिस्तान को IMF ने ‘ ना’ कह दिया है।
IMF ने रखी शर्त, पीएम शरीफ तैयार नहीं
बता दें, द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि IMF ने पाकिस्तान सरकार को टैक्स की दरों में बढ़ोतरी करने और जनता को दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती करने के लिए कहा है। जिसके लिए पाक पीएम शहबाज शरीफ तैयार नहीं हैं, क्योंकि इसी साल अक्टूबर में पाकिस्तान में चुनाव संभावित हैं और इससे पहले शरीफ कोई भी जनविरोधी कदम नहीं उठाना चाहते हैं। पाकिस्तान सरकार के सामने एक तरफ कुआं तो एक तरफ खाई जैसी स्थिति है। पाकिस्तान की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं।
सरकार की तरफ से बिजली दरों को बढ़ाने का आदेश
वहीं, द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, IMF ने पाकिस्तान सरकार से बिजली दरों को 11 से 12.50 पाकिस्तानी रुपये प्रति यूनिट तक बढ़ाने के लिए कहा है ताकि मौजूदा वित्त वर्ष में अतिरिक्त सब्सिडी 335 अरब पाकिस्तानी रुपये तक सीमित रह सके। बताया जा रहा बिजली दरों में बढ़ोतरी का मकसद नकदी संकट से गुजर रहीं पॉवर इंडस्ट्री का घाटा कम करना है।