इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (PM Modi On Namibia Cheetah): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने 72वें जन्मदिन पर दशकों बाद नामीबिया से भारत लाए गए आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा। अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री का चार कार्यक्रमों को संबोधित करने का कार्यक्रम था। सबसे पहला कार्यक्रम चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ने का था। चीतों को छोड़ने के बाद पीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, कूनो नेशनल पार्क में जब चीते फिर से दौड़ेंगे, तो यहां का ग्रासलैंड इकोसिस्टम फिर से बहाल होगा, जैव विविधता और बढ़ेगी और आने वाले दिनों में यहां पर्यावरण पर्यटन भी बढ़ेगा। यहां विकास की नई संभावनाएं भी बनेंगी।
आज ऐतिहासिक दिन, भारतीयों को बधाई, नामीबिया का धन्यवाद
मोदी ने कहा, आज का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि दशकों बाद भारत की धरती पर चीते लौटे हैं। उन्होंने कहा, इसके लिए मैं सभी भारतीयों को भी बधाई देने के साथ ही हमारे मित्र देश नामीबिया और वहां की सरकार का भी धन्यवाद करता हूं जिनके सहयोग से इतने अरसे बाद चीते भारत लौटे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइंस पर चलते हुए इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है। चीतों को देखने के लिए लोगों को कुछ महीनों तक इंतजार करना होगा।
1952 में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित किया गया
उन्होंने कहा यह दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ। पीएम ने कहा, आज आजादी के अमृतकाल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है और मुझे विश्वास है कि ये चीते ना केवल प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का बोध कराएंगे, बल्कि हमारे मानवीय मूल्यों और परंपराओं से भी अवगत कराएंगे। मोदी ने कहा, दशकों पहले जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी, आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है।
प्रकृतिप्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हुई
मोदी ने कहा, मैं यह भी कहूंगा कि भारत लौटे इन चीतों के साथ ही देश की प्रकृतिप्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो उठी है। गौरतलब है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान विंध्याचल पहाड़ियों के उत्तरी किनारे पर स्थित है और 344 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है। मालवाहक बोइंग विमान ने शुक्रवार रात को नामीबिया से उड़ान भरी थी और लगभग 10 घंटे की लगातार यात्रा के दौरान चीतों को लकड़ी के बने विशेष पिंजरों में पहले ग्वालियर फिर कूनो पार्क लाया गया।
छत्तीसगढ़ में आखिरी बार देखा गया था चीता
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले के जंगल में 1947 में अंतिम बार चीता देखा गया था। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कल कहा था कि अत्यधिक शिकार के कारण देश में विलुप्त हो चुके चीते को वापस लाकर भारत सरकार पारिस्थितिकी असंतुलन को दूर कर रही है।
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