India News (इंडिया न्यूज़): प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा पर है। यात्रा के दूसरे दिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीएम मोदी के बीच मीटिंग के दौरान संयुक्त स्पेस मिशन पर सहमति बनी है। दोनों देशों के बीच गुरुवार ( 22 जून) को आर्टेमिस समझौता हुआ। इस समझौते के तहत दोनों भारत की स्पेस एजेंसी इसरो और अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा 2024 में ज्वॉइंट एस्ट्रोनॉट मिशन करेंगे।
क्या है आर्टेमिस समझौता
बता दे आर्टेमिस समझौता नियमों का एक समूह है जिसका पालन देश स्पेस की खोज और उसका उपयोग करते समय करते हैं। ये नियम एक पुरानी संधि पर आधारित हैं जिसे बाह्य अंतरिक्ष संधि 1967 कहा जाता है। यह एक रोडमैप की तरह है जो देशों को स्पेस प्रोजेक्ट में एक साथ काम करने में मदद करता है।
भारत आर्टेमिस अकॉर्ड्स पर साइन करने वाला 26वां देश
नासा की वेबसाइट के मुताबिक, अब तक 25 देशों ने आर्टेमिस अकॉर्ड्स पर साइन किए हैं। भारत इस समझौते पर साइन करने वाला 26वां देश हो सकता है।
इसरो और नासा ने इस प्रॉजेक्ट पर किया है साथ काम
इसरो और नासा ने अब तक 1.5 अरब डॉलर की लागत वाले निसार (NISAR) सैटलाइट प्रॉजेक्ट पर साथ काम किया है। निसार दुनिया का सबसे महंगा अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटलाइट प्रोग्राम है। ये अगले साल लॉन्च होने के बाद पृथ्वी के बदलते पारिस्थितिक तंत्र, डाइनैमिक सर्पेज और बर्फ के पहाड़ पिघलने पर नजर रखेगा। वहीं, नासा ने भारत के चंद्रयान 1 से अपना उपकरण चंद्रमा पर भेजा थे, जिसने पहली बार चांद पर पानी का सबूत ढूंढा था।
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